कुशीनगर : नेताओं की एक जुबान बड़ी बजट हैं जटहा बगहा पूल निर्माण

जनप्रतिनिधि नही बतायेगे अपना कर्तव्य सरकार से कितने बार उठाये आवाज..? - बल्कि अपनी कमी अपना धोख़ा, नेता जनता के बीच सरकार के सिर फोड़ते है ठीकरा..! - आजादी से लेकर आज तक नेताओं के छल कपट का शिकार हुई हैं पिछड़े इलाके की जनता...

कुशीनगर : नेताओं की एक जुबान बड़ी बजट हैं जटहा बगहा पूल निर्माण

कुशीनगर। किसी भी क्षेत्र में जब अपनत्व हो सकरात्मक सोच हो तो बड़े से बड़ा भी विकास क्यों न हो आकर कदम चूमेगी यदि अंदर स्वार्थ छल कपट उपेक्षा मन में छिपी हो तो उसकी कल्पना करना धोख़ा और बेईमानी होगी यही सिलसिला जनपद कुशीनगर के उत्तर विशुनपुरा/खड्डा विकास खण्ड क्षेत्र की जनता के साथ नेता स्वार्थ सिद्धि लेकर धोख़ा करते आये हैं।  

बहुप्रतिक्षित मांग जटहां बगहा पूल निर्माण 

विदित हो कि विधानसभा पडरौना के उत्तर स्थित विकास खंड विशुनपुरा क्षेत्र एवं खड्डा विधानसभा के पूर्वी अंतिम छोर पर ग्राम पंचायत कटाई भरपुरवा से उत्तर पूर्व बिहार प्रदेश के पश्चिमी चंपारण बगहा सीमावर्ती शहर है यूपी बिहार के बीच में 7 किलोमीटर के क्षेत्रफल में गंडक नदी नाला दियारा रेता क्षेत्र है। जो नदी झरही इस क्षेत्र के विकास के लिए अभिशाप बनी हुई है। 

 पूल बनाने पर 53 किमी घटेगी दूरी.. 

उल्लेखनीय है की जटहां से बगहा जाने आने के लिए लोगों को 7 किलोमीटर की जगह 60 किलोमीटर परिक्रमा लगाना पड़ता है महज 7 किलोमीटर के सफर में दोनों तरफ के लोगों को समय पैसा की बहुत बर्बादी होती है ऐसा नहीं है कोई नहीं जानता है यूपी और बिहार के दोनों जनपदों के सांसद आते जाते रहते हैं उफ महसूस करते हैं लेकिन इस दूरी को कम करने के लिए सच्चाई ये है कि आज तक किसी नेता ने कोई प्रयास नहीं किया है। पडरौना विधानसभा क्षेत्र के जटहां बाजार के सम्मानित युवा व्यापारी और विशुनपुरा विकास खंड क्षेत्र के समस्त ग्राम प्रधान द्वारा कुशीनगर के चुने हुए लोकसभा विधान सभा के जनप्रतिनिधियों से डेढ़ दशक बीत रहे है गंडक नदी पर पूर्ण निर्माण करवाने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन नेता परखनली में धुँआ नापने की तरह झूठी आश्वासन देकर जनता से वोट लेकर वादा भूल जाते हैं, इतना भूल जाते हैं कि क्षेत्र में आना भी उनके लिए नागवार लगता है कारण क्षेत्र की जनता की मांग उनके दिलों में कांटे की तरह चुभती है दुर्भाग्य है लोगों की आज पूरा देश अमृत महोत्सव का जश्न मना रहा है किस बात के लिए यह समझ में नहीं आ रहा है इसलिए की एक विकास की कड़ी में जनहित मे एक पुल का निर्माण नहीं हो पा रहा है। 

बहुआयामी विकास का होगा पूल

उल्लेखनीय है कि एक फूल बने से बिहार और यूपी का रोटी बेटी का जो संबंध कहा जाता है वह मजबूत होगा दो राज्य कम दूरी में आपस में जुड़ जाने से लोगों को आवागमन सुलभ हो जाएगा दो राज्य के जुड़ने पर विकास की पहिया चलने लगेगी तो अपने आप ही पिछले क्षेत्र का विकास चमत्कारिक तरीके से होने लगेगा, रोजी रोजगार व्यापार आयात निर्यात आदि माल ढुलाई वाहने दौड़ेगी तो लोग मुस्कुराने लगेंगे लेकिन दुर्भाग्य है इस क्षेत्र का नेतृत्व करने वाला नेता कोई नही हैं। जिसका लाभ दूसरे क्षेत्र के नेता उठा रहे हैं। जैसे गेंहू में घुन पिसता हैं वैसे इस क्षेत्र का जीवन बन गया है।

कम दूरी कम लागत में एनएच 727 से जोड़ेगा पूल

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उल्लेखनीय है कि 9 अगस्त 2022 में एनएच 727 डिपार्टमेंट के द्वारा एक एलाइनमेंट बनाया गया है, जिस परियोजना के निर्माण में 19.5 किमी दूरी और बजट 738 करोड़ की रिपोर्ट तैयार की गई थी, जिसमें इंजीनियरों के द्वारा बगहा से दक्षिण रिपोर्ट ना तैयार कर बगहा से पश्चिम पूर्व डीपीआर बनाया गया। जो जनहित में नही हैं। 

वही बगहा से जटहां शमशान घाट 7.1 किमी पर गंडक पूल परियोजना को देखी जाय तो शमशान घाट जटहां से 9.0 किमी डबल पिच सड़क स्वीकृत है जो एनएच 727 नेबुआ मार्ग से जुड़ जायेगा इसकी कुल दूरी 16 किमी ही हैं, परियोजना पर 19.5 किमी की जगह मात्र 7.1 किमी ही लागत खर्च आधे से भी कम हो जायेगा और जनता के हित में काम आयेगा। पर बड़ी बिडंबना कहे या दुर्भाग्य कुशीनगर के पडरौना / खड्डा नेतागण कुम्भ करणी निद्रा में सोये रहते हैं वर्ना कभी का यह पूल बन चुका होता। 

नेताओं को दो टूक खरी खरी....

पडरौना के उत्तर विकास के लिए किसान व्यापारी ग्राम प्रधान अपनी आवाज को हमेशा बुलंदियों के साथ जनप्रतिनिधियों के पास रखते रहते हैं लेकिन विडंबना ही कहा जाएगा की चुनाव में नेता जटहां बगहा पुल निर्माण को ऐतिहासिक विकास की पहिया बताते हैं और जब चुनाव जीत जाते हैं और प्रयास भी नही करते हैं बल्कि पट्टू की रटायी भाषा पढ़ते है कि पूल निर्माण बड़ी बजट हैं, ऐसी दिवालियेपन की बात कर पल्ला झाड़ लेते हैं। ऐसे नेताओं से इलाके का दुर्भाग्य हैं इस लिए कि सांसद विधायक अपने परिधि में पुत्र वंशजो के विकास को देखते हैं, बताते चले कि जब केंद्रीय मंत्री रहते हुए आरपीएन सिंह से जटहां क्षेत्र के किसान व्यापारियों ने पुल निर्माण की मांग किया तो उन्होंने बिना प्रयास किये ही बता दिया की बड़ी बजट है,वही जब संसद गुड्डू पांडे उर्फ राजेश पांडे जी रहे तो उनको भी पत्र दिया गया और उन्होंने भी कभी प्रयास नहीं किया वहीं सांसद विजय कुमार दुबे जब चुनाव मैदान में आए तो किसान व्यापारियों ने जटहां बगहा पुल निर्माण के लिए पूछा तो उन्होंने कहा था कि जटहां बगहा पुल निर्माण एक ऐतिहासिक कार्य है इस महत्वाकांक्षी परियोजना को चुनाव जीतने पर सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष करूंगा और पुल का निर्माण करवा कर दम लूंगा, तब जनता ने तालिया से स्वागत भी किया, लेकिन चुनाव बीत जाने के बाद अब सांसद जी क्या कह रहे है सुनिये जानिए और जागरूक होईये क्या बहुत बड़ी बजट है इसमें थोड़ा वक्त लग सकता है। वर्तमान में जब पडरौना विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के मनीष जायसवाल चुनाव जीते तो उनसे भी पूल निर्माण कार्य हेतु पूछा गया तो उन्होंने भी पूर्व सांसदों के द्वारा बोली गयी भाषा बोल दिए की बड़ी बजट है प्रयास करूंगा। अब वास्तव में कहा जाय तो यहा कोई सेवक नही सब पद के व्यापारी हैं। सेवा इनका एक ढकोसला हैं इनका ठेका व्यवसाय शराब कारोबार परंपरागत पेशा है लगजरी सुख संपत्ति जेहन में हैं तो जनहित की समस्याओं को लेकर ढेला कौन ढोयेगा सब के सब ढोंगी नही तो और क्या हैं जब एक जनहित की समस्या को प्रदेश हो या देश के पटल पर नही रख पाते हैं और नही तो सरकार को बदनाम करने के लिए जनता को बता देते है बजट बहुत बड़ा हैं हद हो गयी अपने निकम्मे पन की ठीकरा सरकार के सिर फोड़ते कभी शर्म नही आई जो ये नही बतायेगे पूल निर्माण के लिए केन्द्र हो या प्रदेश सरकार से कितने बार वार्तालाप किये हैं..? 

पीए मोदी और मंत्री नितिन गडकरी से मांग जनहित में हो जटहां बगहा पुल निर्माण

कुशीनगर जनपद के विधानसभा पडरौना और खड्डा के विषय को गांव के ग्रामीणों ने देश के सभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय भूषण राज्य परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी से अनुरोध करते हुए मांग किया है कि जनहित में आकर बेहद अनिवार्य है किसान व्यापारी बेरोजगार युवाओं ने मांग किया है कि जाटव का गंडक पुल निर्माण कार्य हेतु सर्व कलाकार डीपीआर बनवाने के साथ पूल का शिलान्यास करने की मांग किया है। 

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