कुशीनगर : विभागीय लापरवाहियों से बढ़ रहा है लंपी वायरस

कुशीनगर : विभागीय लापरवाहियों से बढ़ रहा है लंपी वायरस

अजीत यादव

नेबुआ नौरंगिया, कुशीनगर। क्षेत्र के दर्जनों गांवों के पशुओं में लंपी वायरस बीमारी का असर देखा जा रहा है। इसके बढ़ते हुवे खतरे को देखते हुए विभाग की ओर से पशुओं की सुरक्षा को लेकर टीका लगाने का अभियान शुरू किया गया है। जिसमे पशु चिकित्सक डोर टू डोर पहुंचकर पशुओं में लंपी बीमारी का लक्षण दिखने पर टीका लगाने का कार्य करते हैं। पर नेबुआ नौरंगिया विकास खण्ड के बगल में स्थित पशु चिकित्सालय शासनादेशों की सारे आदेशो की सारेआम धज्जियां उड़ा रहा है। अनेको गांवों के ग्रामीणों ने बताया कि यदि घर पर कोई पुरुष न हो इस दौरान यदि किसी पशु की स्वास्थ्य अचानक खराब हो जाये तो उसके उपचार के लिए फोन करने पर ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक कुछ देर बाद आने की बात कहकर फोन काट देते है, पर आते नही है। यदि दुबारा काल किया जाए तो कुछ देर बाद या कल आने की बात कहकर टाल दिया जाता है। इस दौरान उस बीमार पशु की इलाज के अभाव में तड़पकर दम तोड़ देता है। यदि किसी प्राइवेट पशु चिकित्सक से उसका इलाज कराया जाए तो वो मनमाना शुल्क लेते है। जिसका असर पशुपालको की जेब पर पड़ता है। इलाज के अभाव में कुछ दिनों पूर्व एक कुत्ते की तड़पकर मौत हो चुकी है। स्थानीय क्षेत्र के सैकड़ो पशु इस गम्भीर बीमारी के जद में आ चुके है पर स्थानीय विभाग के द्वारा अब तक कोई सटीक कदम नही उठाया गया है। यहा तक कि डोर टू डोर टीकाकरण अभियान भी बुरी तरह से फ्लाप है।

पशुधन प्रसार अधिकारी इंद्रजीत त्रिपाठी के अनुसार नेबुआ और नौरंगिया गांव के लिये पशु मित्र के पद पर तैनात सीताराम को दो सौ वैक्सीन दिया गया है। विभागीय दावा है कि वो वैक्सीन लग चुका है, पर स्थानीय गांव के पशुपालको का कहना है कि नाम मात्र के पशुओ को छोड़कर आज तक उनके पशुओ को किसी भी प्रकार का वैक्सीन नही लगाया गया है। जबकि नियमानुसार बैक्सीन को बेहद ठंडे जगह पर रखना चाहिए पर पशु मित्र उसी तरह खुले में ही अपने बैग में रखकर लगभग 20 दिनों तक इधर उधर घूमता रहा। अब सवाल यह उठता है कि जब वैक्सीन को ही नियम विरुद्ध रखा जाएगा तो उसका असर कहां तक कारगर साबित होगा। पशुपालक महेंद्र मद्धेशिया, सिंगासन यादव, हरिन्द्र चौधरी, बृजेश गुप्ता, लालबचन और बंशी ने बताया कि हमारे पशु आज लंपी बीमारी के चपेट में आ गए है। शुरुवाती दौर में लक्षण दिखने पर ही पशु चिकित्सक से इलाज के लिए सम्पर्क किया गया था, पर उनकी लापरवाहियो से आज हमारे पशु गम्भीर रूप से बीमार हो गये है। पकड़ियार क्षेत्र के पचफेड़ा भूमिहारी पट्टी गांव निवासी दिग्विजय मिश्रा ने बताया कि हमारी गाय को किसी भी प्रकार का टीका या वैक्सीन नही लगाया गया। महीनों दिनों पूर्व हमारी गाय अचानक बीमार हो गयी। सरकारी से लेकर प्राइवेट चिकित्सक से उसका इलाज कराया गया, पर 20 दिनों पूर्व उसकी असमय ही मौत हो गयी।

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel