कृषि विश्वविद्यालय में गौधन  गोबर का मूल्यवर्धन" विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

कृषि विश्वविद्यालय में गौधन  गोबर का मूल्यवर्धन

स्वतंत्र प्रभात 


मिल्कीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में "गौधन : गोबर का मूल्यवर्धन"  विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। सामुदायिक विज्ञान महाविद्यालय के सभागार में आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया। कार्यशाला का आयोजन टेक्सटाइल साइंस एंड डिजाइन विभाग की ओर से किया गया। इस दौरान विशेषज्ञों ने गोबर से बना नेम प्लेट कुलपति को भेंट किया। 
कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक कुलपति डॉ बिजेंद्र सिंह ने कहा कि पशुओं के गोबर का प्रयोग खाद  के अलावा कई उत्तम वस्तुओं को बनाने में भी किया जाता है।  गोबर से अगरबत्ती, दीए, कागज, मूर्ति, गमला जैसे वस्तुओं को बना सकते हैं।  इन वस्तुओं की मार्केट में भी अधिक मांग है। गाय के गोबर से पशुपालक अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं। 
 सर्वोदय किसान प्रोडक्ट कॉर्पोरेशन लिमिटेड शाहजहांपुर के संस्थापक/ विशेषज्ञ प्रेमशंकर ने बताया कि गाय के गोबर से उपले बनाने के अलावा कागज बनाने में कर सकते हैं, जिसका मार्केट में बहुत डिमांड है। पांच लाख रुपये से लेकर लगभग 25 लाख रुपए में पेपर प्लांट लगाया जा सकता है।
 महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ नमिता जोशी ने कहा कि कैरी बैग बनाने में गोबर का प्रयोग उत्तम साबित होगा। गोबर से वेजिटेबल डाई बनाने का बिजनेस कर सकते हैं। विशेषज्ञ पूजा गंगवार ने गोबर से किस प्रकार व्यवसाय कर सकते हैं इसकी विस्तार से जानकारी दी। डॉ डी नियोगी ने बताया कि इसकी फंडिंग नाहेप द्वारा की जा रही है। 
 कार्यक्रम का संयोजन डॉ ममता आर्या ने किया। कार्यक्रम का संचालन संयुक्त सचिव डॉ. मनप्रीत कालसी व डॉ जेबा जमाल ने किया। इस मौके पर समस्त शिक्षक, वैज्ञानिक एवं छात्र छात्राएं मौके पर मौजूद रहे।

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