स्वतंत्र प्रभात
लखीमपुर खीरी- गरीबों छतविहींन लोगों को छत मुहैया कराने की नियत से देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही अति महत्वाकांक्षी योजना हकीकत के धरातल पर भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा कर रह गई जिसके चलते सैकड़ों वास्तविक पात्र आज भी आवास पाने की आस लिए डूडा कार्यालय की गणेश परिक्रमा करते हुए नजर आ रहे हैं यहां पर गत वर्षों में खुला खेल फर्रुखाबादी की तर्ज पर पैसा दो आवास लो का खेला खेला गया।
जिसके चलते दो मंजिला मकान के स्वामियों को तीसरी मंजिल पर आवास दे दिया गया तो कहीं पुराने पहले से बने मकान का जियो टैग कर पीएम आवास के पैसे का बंदरबांट कर लिया गया और यूएलबी के बाहर ग्राम पंचायतों में आवास देकर प्रधानमंत्री की मनसा को ग्रहण तो लगाया ही गया वही जमकर रिश्वतखोरी का खेल खेला गया यह खेल डूडा कार्यालय की चर्चित तिकड़ी द्वारा खेले जाने की चर्चा आम हो रही है।
इस मामले की दर्जनों शपथ पत्रों समय शिकायतें भी की गई पर मामले में मैनेज का खेल खेल कर शिकायत को रद्दी की टोकरी में दफन कर दिया गया आइए हम आपको पीएम आवास शहरी योजना में किए गए भ्रष्टाचार की एकबारगी से रूबरू करवाते हैं यहां पर भारी धनराशि रिश्वत में लेकर यूएलबी से बाहर दिए गए आवासों की फेहरिस्त में से महज कुछ नाम दे रहे हैं नूतन कश्यप पुत्र गोकर्ण प्रसाद डीपीआर संख्या 552 कमलापुर गांव में आवास दिया गया जो यूएलबी से बाहर है सुशीला या अभी कमलापुर गांव में है रमेश कुमार सन ऑफ राम प्रसाद कमलापुर डीपीआर संख्या 89 है।
गांव कमलापुर में दिया गया पीएम आवास मंजुला अवस्थी पत्नी सुधीर कुमार अवस्थी डीपीआर 552 निर्मल निर्मल नगर इनका मकान पहले से बना है अपात्र को दिया गया आवास विनोद सिंह सन ऑफ वीरा सिंह निर्मल नगर डीपीआर 552 यूएलबी से बाहर मीरा पत्नी मदन शिव कॉलोनी 552 यूएलबी से बाहर गुड्डी पत्नी पृथ्वीपाल शिवपुरी इनका पक्का आवास होते हुए आवास दिया गया।
अनुज कश्यप पुत्र गिरधारी लाल नोलैंड स्पेस सरिता देवी पत्नी सत्यप्रकाश 552 नोलैंड स्पेस दोनों को आवास दिया गया सुनीता पत्नी जसकरण मिश्राना आउट ऑफ यूएलब इनका आवास दीनदयाल स्कूल के पास बनवाया गया हैखिलौना अवस्थी गोकुलपुरी पूर्णता अपात्र सरला शुक्ला पत्नी राम कृष्ण शुक्ला शिव कॉलोनी पुराना बना आवास का जियो टैग करा पैसा हड़पा गया।
रामपाल रस्तोगी पुत्र रमाशंकर रस्तोगी 197 रामनगर कॉलोनी रामजी पत्नी छोटेलाल शिवपुरी या सभी आवास भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी की महज बानगी भर मौजूद साक्षय पर गौर करें तो एक सैकड़ा आवासों की सूची है जो अपात्र एवं यूएलबी से बाहर है यदि कमिश्नर मामले की कराएं जांच तो तत्कालीन पीओ और सीएलटीसी डीसी समेत कई जिम्मेदारों पर गिरेगी गाज और होगा एक बड़े भ्रष्टाचार का पर्दाफाश।