बनना था सिपाही, बन गए चोर: अधूरे रह गए ये सपने

बनना था सिपाही, बन गए चोर: अधूरे रह गए ये सपने

स्वतंत्र प्रभात 
गोरखपुर: जिले के गगहा क्षेत्र के रियाब गांव निवासी 21 वर्षीय सत्यानंद भारती पुत्र चंद्रशेखर भारती स्नातक है। पिता खेती करते है। सत्यानंद दो भाई और दो बहनों में बड़ा है। खुद का कॅरियर संवारने के लिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए गोरखपुर के नौसढ़ में किराए का कमरा लिया है। 
 
किराए के कमरे में अपने दोस्त गोरखपुर जिले के गोला बाजार क्षेत्र के मठिया निवासी 24 वर्षीय अनंत कुमार निषाद पुत्र त्रिपुरारी निषाद रहता है। अनंत कुमार तीन भाई और दो बहन है। उसके पिता मजदूरी करते है। अनंत कुमार ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है और क्लर्क आदि की परीक्षा की तैयारी करता है। 
 
कार चोरी में पुलिस के हत्थे चढ़ने के बाद पूछताछ में दोनो आरोपियों ने बताया कि मंहगाई का दौर है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लोगों को कार से चलते देखकर और अच्छे कपड़े पहनने एवं स्मार्ट महंगे मोबाइल चलाते देखकर उनके अंदर भी शौक पैदा हुआ। पैसे नहीं होने की वजह से मन दुखी हो जाता था।
 
शौक पूरा करने के लिए दोनों दोस्तों ने प्लान बनाया और खलीलाबाद पहुंच कर किराए पर कार बुकिंग की। योजना के मुताबिक, चालक को चाय में नींद की गोली पिलाकर बेहोश करके कार चुराने में सफल रहे। कार बेचने की फिराक में थे, लेकिन उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया।
     
पूछताछ में आरोपी सत्यानंद भारती ने बताया कि वह बिहार पुलिस में कांस्टेबल पद भर्ती में शारीरिक परीक्षा और लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है। सिर्फ साक्षात्कार बाकी है। उसे पूरी उम्मीद थी कि वह सिपाही बन जाएगा, लेकिन कार चोरी कर चोर बन गया। शौक भी अधूरा रह गया और सिपाही बनने का ख्वाब भी टूट गया। 
 
कोतवाल ने बताया कि सत्यानंद भारती का यह पहला अपराध था। जबकि अनंत कुमार निषाद पहले मोबाइल चोरी में जेल गया था। पकड़े गए दोनों आरोपियों पर कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया।
 

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