विधि और न्याय परम्परा की गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर को नई पीढी में हस्तान्तरित करने की है आवश्यकता- सौरभ त्रिपाठी

विधि और न्याय परम्परा की गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर को नई पीढी में हस्तान्तरित करने की है आवश्यकता- सौरभ त्रिपाठी

 

सुल्तानपुर।विधि आधारित समाज और एक न्याय प्रिय सामाजिक वातावरण बनाने में हमारी सफलता संविधान की सार्थकता को प्रमाणित करेगी, यही संविधान बनाने वालों का भारत की भावी पीढ़ियों के लिए मुख्य संदेश रहा। यह विचार संत तुलसीदास पीजी कॉलेज कादीपुर के प्राचार्य प्रोफेसर आर एन सिंह ने संविधान दिवस के अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एक परिचर्चा में कही। इस अवसर पर प्रबंधक सौरभ त्रिपाठी ने देश की विधि और न्याय परंपरा की गौरवशाली सांस्कृतिक धरोहर को नई पीढ़ी को हस्तांतरित करने का विचार दिया।

परिचर्चा में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो आदित्य नारायण त्रिपाठी ने संवैधानिक व्यवस्था के विविध तत्वों का विश्लेषण प्रस्तुत किया और विद्यार्थियों को इस पर चिंतन मनन के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर  कीर्ति कुमार पांडेय  संवैधानिक विकास कि भारतीय प्रणाली को रेखांकित किया। संविधान दिवस के अवसर पर  महाविद्यालय की एनएसएस इकाई ने 'भारत लोकतंत्र की जननी है' विषय पर वाद- विवाद एवं निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया। प्राचार्य प्रो आर एन सिंह ने संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई। इस अवसर पर प्रो मदन मोहन सिंह डॉ एस बी सिंह डॉ संजीव रतन गुप्त डा हरेंद्र सिंह सिंह डा अनूप गुप्ता डा राम धीरज यादव प्रतीक मौर्य डा शनि शुक्ला सुशील कुमार डा समीर पांडेय सहित अनेक प्राध्यापक और छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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