स्वतंत्र प्रभात
लहरपुर सीतापुर बीसी संचालक के साथ दिनदहाड़े सशस्त्र बदमाशों के द्वारा की गई लाखों की लूट से क्षेत्र में भय का माहौल है। दिनदहाड़े घटी लूट की घटना ने एक बार फिर लहरपुर कोतवाली पुलिस की लचर कार्यशैली को उजागर करने का काम किया है।
अपराध को छिपाने में माहिर कोतवाली पुलिस सुबह से ही पूरे मामले में लीपापोती करती नजर आई बताते चलें कि लहरपुर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम गणेशपुर निवासी विजय कुमार पुत्र कन्हैया लाल का नग्ई मल्लापुर में इंडियन बैंक का बीसी पॉइंट है
जहां रोज की तरह सुबह अपने समय से पीड़ित जा रहा था तभी गणेशपुर से नग्ई मल्लापुर मार्ग पर हेलमेट लगाए हुए दो सशस्त्र बदमाश उसे रोककर असलहे की नोक पर उससे बैग लूटकर फरार हो गए पीड़ित विजय ने बताया कि उसके बैग में ढाई लाख रुपए से अधिक की नकदी लैपटॉप बैंक के जरूरी कागजात व अन्य सामान था जिसे लुटेरों ने असलहे की नोक पर लूट लिया इसके
अतिरिक्त उसका एंड्राइड मोबाइल भी लेकर वापस लहरपुर सीतापुर मार्ग की तरफ से फरार हो गए। लगभग साढ़े तीन लाख रुपए की इस लूट की सूचना मिलते ही कोतवाली पुलिस के हाथ पांव फूल गए और आनन-फानन इंस्पेक्टर राजीव सिंह पूरे मामले की लीपापोती में जुट गए सुबह 10:00 बजे घटी इस घटना के बाद से मीडिया कर्मी लगातार पुलिस के माध्यम से पीड़ित से मिलने का प्रयास करते रहे
किंतु पुलिस ने किसी भी मीडिया कर्मी को पीड़ित से बात करने का मौका नहीं दिया और अभी तक तहरीर न मिलने की बात कह कर मीडिया कर्मियों को टालते रहे और दोपहर बाद तक पुलिस पीड़ित को अपनी गाड़ी में बिठा कर घटनास्थल के आसपास के रास्तों का चक्कर काटती रही।
और अंततः शाम को कोतवाली पुलिस लूट की घटना में ₹95 हजार रूपए की हुई लूट की तहरीर मिलने की बात कह कर मामले की लीपापोती करने में सफल रही जबकि पीड़ित ने इस मीडिया कर्मी को स्पष्ट रूप से बताया कि उसके बैग में ढाई लाख रुपए नकद वह लैपटॉप सहित अन्य सामान था जिसमें से ₹ एक लाख रुपए पीड़ित विजय ने बैंक से निकाले थे।
वही जब मीडिया कर्मी घटनास्थल पर पहुंचे तो घटनास्थल के नजदीक खेत में काम कर रही एक वृद्ध महिला कशीदा ने बताया कि लुटेरे दो लोग थे हेलमेट लगाए हुए थे और एक ही मोटरसाइकिल पर सवार होकर पीड़ित का बैग लेकर सीतापुर रोड की तरफ फरार हुए थे।
पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान इस बात से भी उठता है कि घटनास्थल से 1 किलोमीटर पहले लहरपुर सीतापुर मार्ग पर स्थित एक भट्टे पर लगे सीसीटीवी कैमरे से पुलिस ने एक बाइक पर दो संदिग्ध हेलमेट धारी सवारों के फुटेज तो निकाल लिए किंतु उन्हें
ट्रेस करने की बजाए स्थानीय पुलिस पीड़ित को अपनी गाड़ी में बिठा कर 2 किलोमीटर के दायरे में रास्तों पर घूमती रही यदि घटना घटना की सूचना मिलने के तत्काल बाद लुटेरों को पकड़ने का व्यापक स्तर पर प्रयास किया गया होता तो संभव था
कि लुटेरे पकड़े भी जाते। हालांकि घटना की सूचना मिलने के बाद क्राइम ब्रांच सीतापुर से भी एक टीम ने आकर घटनास्थल की जांच की और पीड़ित से बयान भी लिए किंतु इसके बाद भी इंस्पेक्टर राजीव सिंह पूरे मामले में उच्चाधिकारियों को गुमराह कर लीपापोती करने में कामयाब रहे। पूरे घटनाक्रम में जहां एक तरफ पीड़ित ने मीडिया कर्मियों को दिए गए वीडियो वाइट में ढाई लाख रुपए की लूट कबूली है
वही पुलिस द्वारा महज 95 हजार की लूट की बात कही जाना पूरे प्रकरण में पुलिस की भूमिका को संदेह के दायरे में जरूर खड़ा करता है इस संबंध में जब लहरपुर के लिंक सर्किल ऑफिसर व पुलिस क्षेत्राधिकारी बिसवां अभिषेक प्रताप सिंह अजेय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जो तहरीर मिली है उसी के आधार पर अभियोग पंजीकृत किया जा रहा है।