चिकित्सकों की मनमानी से मरीज परेशान

चिकित्सकों की मनमानी से मरीज परेशान

समय से अस्पताल नहीं पहुंचते चिकित्सक मरीजों को करना पड़ता है इंतजार


स्वतंत्र प्रभात
अम्बेडकरनगर।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटेहरी में चिकित्सकों की मनमानी चरम सीमा पर चढ़कर बोल रही है। कोई भी चिकित्सक ना तो समय से पहुंचता है और ना ही समय से जाता है।मनमानी पूर्वक जब वह चाहता है तो अस्पताल आता है और जब उसकी इच्छा होती हुई जब उसकी तब वह अस्पताल छोड़ कर चला जाता है।संवाददाता द्वारा जब शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटेहरी में जाया गया तो चिकित्सा प्रभारी गौतम कुमार मिश्रा ने बताया कि अस्पताल का कार्य समय सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक है, परंतु देखा गया कि मरीजों की भीड़ तो अस्पताल में लगी है परंतु कोई भी डॉक्टर उपस्थित नहीं है। डॉक्टर 10:45 पर अस्पताल पहुंचे।

जब इसकी शिकायत चिकित्सा प्रभारी गौतम कुमार मिश्रा से की गई तो उन्होंने कहा कि मैं इन को नोटिस जारी करूंगा। वहीं पर जब संवाददाता द्वारा शाम 3:10 पर अस्पताल जाया गया तो देखा गया कि कोई भी डॉक्टर अस्पताल में उपस्थित नहीं है।सभी डॉक्टर के कक्ष में ताला लटकता हुआ मिला यहां तक कि इमरजेंसी डॉक्टर भी अस्पताल में उपस्थित नहीं मिले। रविवार को खबर समाचार पत्रो में खबर प्रकाशित होने के बावजूद भी अस्पताल के कार्य प्रणाली में कोई भी प्रभाव नहीं पड़ा, यहां तक कि पुनः सोमवार को जब संवाददाता द्वारा अस्पताल का पड़ताल किया गया तो देखा गया कि सुबह 10:30 पर मरीजों की लंबी कतार लगी हुई थी।

परंतु कोई भी डॉक्टर उपस्थित नहीं थे जब चिकित्सा प्रभारी गौतम कुमार मिश्रा से बातचीत की गई तो उन्होंने स्पष्ट रूप से जवाब दिया कि आपके पास कोई और काम नहीं है आप सीधे मुंह अस्पताल में आ पहुंचते हैं। यहां तक कि संवाददाता का अपमान करते हुए उन्होंने लोगों से कहा कि इनको इंटरटेनमेंट करने दीजिए, आप लोग अपना काम करिए। लोकतंत्र का चौथा स्तंभ पत्रकारिता जो कि समाज में का दर्पण होता है। यदि पत्रकार समाज से दूर हो जाए तो भ्रष्टाचार चरम सीमा पर पहुंच जाएगा। ऐसे समाजसेवी पत्रकार के ऊपर इस तरह का कमेंट करके चिकित्सा प्रभारी गौतम कुमार मिश्रा  अपना सम्मान समझते हैं।वहीं पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक द्वारा समय- समय पर अस्पतालों की का निरीक्षण कर उनकी कार्यशैली एवं गुणवत्ता की देंख-रेंख की जा रही है और प्रदेश वासी का समय से सही ढंग से उचित इलाज हो इसके लिए देश व प्रदेश के सभी, यहां तक कि प्रधानमंत्री- मुख्यमंत्री समेत सभी जिम्मेदार लोग कटिबद्ध हैं, परंतु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटेहरी के चिकित्सकों पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है।

यहां के चिकित्सक पूर्ण रूप से मनमौजी हो गए हैं। इनको जब समय मिलेगा तो अस्पताल आएंगे जब मन कहेगा तो इलाज करेंगे और जब मन कहेगा तो यह अस्पताल छोड़कर चले जाएंगे, इन पर किसी का किसी भी प्रकार का कोई ना तो दबाव है और ना ही इनकी कोई ड्यूटी है। यह अपनी ड्यूटी से पूर्ण रूप से अंजान बने हुए हैं ।अगर चिकित्सा प्रभारी गौतम कुमार मिश्र के द्वारा इस प्रकार का वक्तव्य पत्रकार के साथ किया जाता है तो वह मरीजों के साथ क्या करते होंगे इसका अंदाजा लगाना बहुत ही कठिन है। यदि जिम्मेदार चिकित्सक जिसके ऊपर पूरे अस्पताल का जिम्मेदारी है वही इस प्रकार से व्यवहार करेगा तो और चिकित्सक किस ढंग से व्यवहार मरीजों के साथ और अन्य लोगों के साथ करते होंगे इसका अंदाजा लगाना बहुत ही कठिन है। परंतु इतना सब कुछ होते हुए भी स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की निगाह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटेहरी पर नहीं पड़ रही है, या तो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटेहरी के प्रभारी चिकित्सक व अन्य चिकित्सक के ऊपर स्वास्थ्य विभाग की छत्रछाया है अथवा इनकी पहुंच दूर तक है।

जिससे यह किसी को ना तो डरते हैं ना तो अपनी ड्यूटी करना चाहते हैं । इन्हें केवल समय से वेतन की आवश्यकता है और मरीज को यह भगवान भरोसे छोड़ देते हैं । मरीज के साथ क्या होगा मरीज ठीक हो ना हो इसका कोई प्रभाव इनके ऊपर नहीं पड़ता है। अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग की नजर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कटेहरी पर कब पड़ेगी अथवा उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की निगाह इस अस्पताल पर कब पड़ेगी और कब मरीजों का भला होगा यह भगवान भरोसे ही टिका हुआ है।

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel