पटाखा बेचने के लाइसेंस के लिए गणेश परिक्रमा शुरू
स्वतंत्र प्रभात
अंबेडकरनगर।
जिले में दीपावली पर्व पर फुटकर में बेचे जाने वाले पटाखों के लाइसेंस बनवाने के लिए व्यापारियों द्वारा अधिकारियों के कार्यालय के चक्कर लगाना शुरू हो गया है। नगर में दर्जनों दुकानें लगाई जाती है। जनपद मुख्यालय पर अलग-अलग स्थानों पर लगने वाली फुटकर दुकानों के अस्थाई लाइसेंस बनवाने के लिए व्यापारी उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी के कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं। दीपावली पर पटाखा बिक्री के लिए लाइसेंस देने में मानकों की अनदेखी की जाती है।
कोतवाली, तहसील व फायर स्टेशन में आतिशबाजी लाइसेंस बनवाने वाले दुकानदारों की भीड़ लग रही है। विभागों में संस्तुति के लिए इधर-उधर लोग भटक रहे हैं।दीपावली पर रोशनी और उत्साह के लिए चलाए जाने वाले पटाखों की अस्थायी दुकानें लगाने के लिए लाइसेंस बनने की प्रक्रिया जारी हो चुकी है।फुटकर दुकानदार अस्थायी लाइसेंस बनवाने के लिए खुद दौड़-भाग करता है। उसे लाइसेंस बनवाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसको देखते हुए दुकानदार दलालों के माध्यम से अस्थायी लाइसेंस बनवाना ही मुनासिब समझते हैं। एक दुकानदार ने बताया कि वह 5500 रुपये एक व्यक्ति को देकर लाइसेंस बनवा रहे हैं। पिछले साल उन्होंने लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन किया और खुद बनवाने में लगे तो उन्हें कई नियम और शर्तें बता दी गईं। इन नियमों को पूरा करने में ही करीब तीन-चार हजार रुपये खर्च हो गए और दौड़-भाग हुई सो अलग। इसलिए इस बार दलाल को ही लाइसेंस बनवाने का ठेका दे दिया है। कम से कम दिवाली से तीन-चार दिन पहले लाइसेंस घर बैठे मिल जाएगा।फुटकर आतिशबाजी विक्रेता लाइसेंस बनवाने के लिए दमकल विभाग जाने लगे हैं। इसको लेकर रोजाना दमकल विभाग में भीड़ लग रही है। दमकल विभाग में रिपोर्ट लगवाने के लिए सुबह से ही दुकानदार पहुंच जाते हैं। दमकल विभाग के चीफ फायर अफसर प्रदीप कुमार ने बताया कि अस्थाई लाइसेंस बनवाने वालों को कोई दिक्कत नहीं होने दी जाती है। रुपये भी किसी से नहीं लिए जाते हैं। जांच के बाद लाइसेंस के लिए रिपोर्ट लगाई जा रही है।
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