निर्वाचन आयोग ने प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार पर लगाया रोक

निर्वाचन आयोग ने प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार पर लगाया रोक

निर्वाचन आयोग ने प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया पर प्रत्याशियों के प्रचार प्रसार पर लगाया रोक

 जिला निर्वाचन अधिकारी व्यास नारायण ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के क्रम में विधान सभा सामान्य निर्वाचन-2022 के अन्तर्गत प्रदेश में अगले 10 फरवरी दिन गुरुवार को पूर्वाह्न 7ः00 बजे से 07 मार्च दिन सोमवार को अपराह्न 06ः30 बजे तक के बीच की अवधि के दौरान साधारण निर्वाचन के सम्बंध में किसी भी प्रकार के एग्जिट पोल का आयोजन करना तथा प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसके परिणाम के प्रकाशन या प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसका प्रचार-प्रसार करना प्रतिबंधित होगा। 
उन्होनें बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 (संक्षेप में आरपी अधिनियम, 1951) की धारा 126क में यह निर्दिष्ट किया गया है कि कोई भी व्यक्ति कोई निर्गम मत सर्वेक्षण नहीं करेगा और किसी निर्गम मत सर्वेक्षण के परिणाम का, ऐसी अवधि के दौरान जो निर्वाचन आयोग द्वारा इस संबंध में अधिसूचित की जाए, प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रकाशन या प्रचार या किसी भी प्रकार की अन्य रीति से प्रसार नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि ऐसा कोई व्यक्ति, जो इस धारा के उपबंधों का उल्लंघन करेगा, उसे दो वर्ष तक का कारावास या जुर्माने से या दोनों से, दंडित किया जा सकेगा। 
सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसके अतिरिक्त, यह भी निर्देश दिये गये हैं कि साधारण निर्वाचनों के संबद्ध मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय पर समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में किसी भी ओपिनियन पोल या अन्य किसी मतदान सर्वेक्षण के परिणामों सहित किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले के प्रदर्शन पर प्रतिबन्ध होगा।
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