सांसद के फेसबुक पोस्ट से बलिया की जनता में खुशी की लहर -खबर का हुआ असर

सांसद के फेसबुक पोस्ट से बलिया की जनता में खुशी की लहर -खबर का हुआ असर

स्वतंत्र प्रभात उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक हर तरफ सड़कों और उस पर बने सेतु का बुरा हाल है उसी बीच सांसद बीरेंद्र सिंह मस्त के दो घंटे पहले पोस्ट की गई फेसबुक पोस्ट से बलिया की जनता में खुशी की लहर दौड़ गई. दो सालों से आम जनता बिल्कुल उम्मीद छोड़ चुकी थी

स्वतंत्र प्रभात

उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार तक हर तरफ सड़कों और उस पर बने  सेतु का बुरा हाल है उसी बीच सांसद बीरेंद्र सिंह मस्त के दो घंटे पहले पोस्ट की गई फेसबुक पोस्ट से बलिया की जनता में खुशी की लहर दौड़ गई. दो सालों से आम जनता बिल्कुल उम्मीद छोड़ चुकी थी उसी बात की खुशी माननीय सांसद की फेसबुक पोस्ट से पोस्ट किया गया. हम बताते हैं आखिर वह खुशी क्या है. सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने लिखा कि” विगत कई वर्षो से खराब माझी घाट पुल का पुनरुद्धार हो कर तैयार हो गया एकाध दिन मे जनता को समर्पित किया जाएगा व भारी वाहनो का आवागमन प्रारम्भ हो जाएगा ।

बलिया में आवश्यक समान की कमी को भारी वाहन के आवागमन से पुर्ति होना प्रारम्भ हो जाएगा। व NH31 का भी कार्य प्रारम्भ है जल्द ही पूर्ण कर आप सभी को समर्पित किया जायेगा।”वैसे तो जनता 5 साल के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगाकर अपने चहेतों को बैठाती है शासन और सत्ता पर ताकि समस्याओं और जरूरतों पर सरकार का ध्यान जाएगा ताकि जनता चैन की नींद सो सकेगी लेकिन पिछले 2 वर्ष से उत्तर प्रदेश की बलिया जिले की लाखों आबादी विकास की आंधी में पिछड़ चुकी थी और कहने लगी थी कि सत्ता चाहे जिसके हाथ में हो समस्याएं जस की तस बनी रहती है और परेशानियां जनता को उठानी पड़ती है.
 
राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर यूपी-बिहार को जोड़ने वाले घाघरा पर बने जयप्रभा सेतु के बने हुए और उद्घाटन को ज्यादा समय नहीं बिता हुआ था और उसकी  हालत पिछले 2 वर्षों से देखकर यह कहा जा सकता था कि स्थानीय जनता सर पर कफन बांध कर इस सेतु से गुजरती रहेगी. बलिया से छपरा को जोड़ने का एकमात्र  रास्ता जयप्रभा सेतु है जहां सुबह से लेकर रात तक बिहार से यूपी में ओवरलोड गाड़ियों का आना जाना लगातार बना रहता है. कुछ समय पहले तक तो अस्थाई तौर पर सेतु के देखरेख वास्ते टैक्स वसूले जा रहे थे वह भी अब वहां से नदारद ही दिख रहे. सेतु के हर पाया की स्थिति बहुत ही दयनीय या यूं कहें कि कुछ भी और कभी भी बड़ा हादसा हो सकता था सेतु का आधा हिस्सा यूपी और आधा हिस्सा बिहार में पड़ता है

जिसकी वजह से भी इस सेतु का रखरखाव देखरेख को नजरअंदाज किया जा रहा था लेकिन इससे तो स्थानीय लोगों की समस्या हल होने की बजाए बिल्कुल उलझ चुकी थी. जयप्रकाश नारायण व उनकी पत्नी प्रभावती देवी के नाम पर बने इस जयप्रभा सेतु की मरम्मत की मांग को लेकर विगत दो वर्षों से चल रहे आंदोलन और स्वतंत्र प्रभात की खबरों का लगातार चलना आखिर असर दिखा गया. बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के सोशल मीडिया अकाउंट से फोटो के साथ एक मैसेज पोस्ट हुआ जिससे जिले  की जनता का आक्रोश कुछ कम हुआ है.

मतलब 1 जनवरी को छपी खबर का असर जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों पर हुआ और बड़े हादसे से बचाने के लिए सांसद ने पहल की जिस का स्वागत आम जनता ने खूब किया. पाया नंबर छह के ऊपर दो गार्डर टूट कर करीब एक-एक फुट की दरार के साथ अलग हो गया था। दोनों गार्डर का लगभग एक-एक फुट का सिरा ही सेतु के पाया पर टिका था। साथ ही यूपी के हिस्से में पड़ने वाले पाया नंबर एक व दो के बीच के गार्डर में दो स्थानों पर दरार स्पष्ट दिखाई दे रहा था । अगर गार्डर टूट कर गिरा तो भयंकर हादसा तो होना ही था,

यूपी व बिहार से सीधा संपर्क भी टूट जाता।सेतु का गार्डर टूटने की खबर के बावजूद उसके ऊपर ओवरलोडेड भारी वाहनों का बेरोक-टोक परिचालन बदस्तूर जारी था। लेकिन जैसे ही खबर के प्रकाशन से मामले का संज्ञान सांसद बीरेंद्र सिंह मस्त को लगी उन्होंने उस पर गौर करते हुए कोशिश की और आज दिनांक 17 जुलाई को खबर लिखने से 2 घंटे पहले फेसबुक पोस्ट पर जो मैसेज आम जनता को दिया उससे बलिया की जनता गदगद हो गई.वैसे लोगों का कहना है कि यदि तत्काल भारी वाहनों के परिचालन पर प्रशासन ने रोक नहीं लगाई होती तो भयंकर हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता था। लगभग दो वर्ष से सेतु के दोनों तरफ के ग्रामीण सेतु की जर्जर स्थिति तथा सड़क में बने भयंकर गड्ढों की मरम्मत के लिए अपने-अपने जिला प्रशासन को सड़क जाम कर ध्यान दिलाने की कोशिश किए थे जिस पर सांसद का विशेष ध्यान रहा.
Tags:

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel