
धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर कि दरियादिली, 35 लाख रुपये फिस किया माफ ।
कोरोना काल मे 1300 बच्चो का फिस माफ कर इस स्कूल ने किया एक मिशाल कायम ।
स्वतंत्र प्रभात
उमेश दुबे
कुसौडा,सुरियावां भदोही । कोरोना ने किसी बहन से उसका भाई छीना तो किसी मां से उसका बेटा तो किसी ने अपनों को खोया, किसी ने सपनों को । इस बेरहम बीमारी ने कई मासूम बच्चों के सिर से पिता का साया भी छीन लिया। तो कइयों का रोजगार भी छीन लिया। उनके परिवार को अब यह फिक्र खाए जा रही थी कि बच्चे को स्कूल फीस कहां से भरेंगे। चिंता के पहाड़ में दबे जा रहे परिवार के लिए डॉक्टर के. बी. मिश्र ने उम्मीद की किरण दिखाई है।
कोरोना के खिलाफ जंग में कुसौडा सुरियावां के दिब्या पब्लिक स्कूल प्रबंधक व पेशे से डॉक्टर, डा • के. बी. मिश्र ने सराहनीय कदम उठाया है। प्रबंधन ने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की मार्च 2020 से अगस्त 2021तक की 17 महीने की फीस लगभग 3500000 लाख रुपये माफ कर दी। स्कूल की इस पहल से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता काफी खुश हैं और स्कूल प्रबंधन की तारीफ कर रहे हैं। बताते चले की भदोही जनपद मे सुरियावां के कुसौडा इलाके के इस स्कूल में 950 से अधिक परिवारों के तकरीबन 1300 छात्र-छात्राएं पढ़ते हैं।
स्कूल के इस अनोखे कदम से उम्मीद है कि दूसरे स्कूल भी प्रोत्साहित होंगे।वही कुसौडा के दिव्या पब्लिक स्कूल के प्रबंधक व पेशे से डा • के. बी. मिश्र कहते हैं, 'पूरा देश कोविड-19 की जंग लड़ रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री के राहत कोष में सभी पैसे भेज रहे हैं। लेकिन मैंने सोचा मैं वहां पैसा न भेजकर अपने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को राहत दूं। इसलिए मैंने अपने स्कूल के बच्चों की 17 महीने की फीस माफ कर दी। इस तरह स्कूल प्रबंधन ने लगभग 35 लाख रुपये अपने स्कूली बच्चों की फीस माफ कर दी।' वही डॉक्टर के •बी •मिश्र ने पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर बताया कि यह पुनीत कार्य मैं अपने पिता स्वर्गीय जय बहादुर मिश्र के आदर्शों से प्रेरित होकर किया।
माता पिता के चेहरों पर आई मुस्कान ।
कोरोना काल के कारण मार्च 2020 से ही स्कूल बंद थे। कोरोना की वजह से पिछले साल स्कूल नहीं खुले। वही इस साल कुछ शर्तो के साथ स्कूल खोलने की अनुमति मिली। तकरीबन डेढ़ साल से स्कूल बंद थे। स्कूल फीस की माफी के इस फैसले से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के माता-पिता को बहुत राहत मिली है। राजेश तिवारी और जीत नारायण शुक्ला के बच्चे इसे स्कूल में पढ़ते हैं उनका यह कहना है कि हमें स्कूल प्रबंधन ने बहुत राहत दी है।
हम प्राइवेट जॉब करते हैं इस कोरोना काल मे हमें पैसों को लेकर काफी दिक्कतें थी इनकी फीस माफी से हमें बहुत राहत मिली है। अब हम लोग 17 महीने की फीस को जरूरत के कामों में लगा सकेंगे।
About The Author
Related Posts
Post Comment
आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

Comment List