लावारिस शवों की पहचान के लिए, सुप्रीम कोर्ट जाएगी गोरखपुर पुलिस अब तक 26 शवों के लिए गए फिंगर प्रिंट
लिए 72 घंटे तक मोर्चरी में रखती है, फिर पोस्टमार्टम कराया जाता है।
स्वतंत्र प्रभात
ब्यूरो शत्रुघ्न मणि त्रिपाठी
गोरखपुर में पिछले नौ महीनों में 198 लावारिस शव मिले हैं। इसमें से सात की ही पहचान पुलिस कर सकी है। 191 शवों की पहचान होनी बाकी है। पुलिस लावारिस शवों को पहचान के लिए 72 घंटे तक मोर्चरी में रखती है, फिर पोस्टमार्टम कराया जाता है।
इस अवधि में भी पहचान नहीं हो पाई तो वह लावारिस ही रह जाता है। लिहाजा, अब लावारिस शवों का फिंगर प्रिंट लिया जा रहा है। अगर सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिली तो शवों की पहचान में आसानी होगी। जून से अब तक 26 शवों के फिंगर प्रिंट भी लिए गए हैं।
एडीजी अखिल कुमार का कहना है कि अगर आधार कार्ड से फिंगर प्रिंट मिलान की अनुमति मिल जाए तो पहचान करना बेहद आसान हो जाएगा। फिंगर प्रिंट का रिकॉर्ड डालते ही उसका नाम पता सब आ जाएगा और पुलिस उसके घर वालों से संपर्क कर शव को सौंप सकेगी।
एडीजी ने इसे लेकर पुलिस मुख्यालय से पत्राचार भी कर लिया है। पुलिस मुख्यालय से अनुमति मिलने पर पुलिस कोर्ट जा सकती है। एडीजी का कहना है कि लावारिस शवों का फिंगर प्रिंट पुलिस ले रही है। अन्य कानूनी प्रक्रिया के लिए कोशिश की जा रही है ।
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