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संपादकीय  स्वतंत्र विचार 

मुफ्त की रेवड़ियों पर सुप्रीम टिप्पणी ज़रुरी 

मुफ्त की रेवड़ियों पर सुप्रीम टिप्पणी ज़रुरी  देश में आज एक प्रचलन चलने लगा है कि चुनाव के समय कुछ ऐसी घोषणा की जाए जो जनता को सीधे जोड़े। क्यों कि पुराने चुनावी वादों पर राजनैतिक दल अपना विश्वास खो चुके हैं और जब वह चुनाव के...
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