चंदोताल पक्षी विहार से प्रवासी पक्षियों ने फेरा मुंह

बस्ती जिले के नगर बाजार के ऐतिहासिक चंदोताल पर प्रवासी पक्षियों का एक जोड़ा


बस्ती ।बस्ती जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है तालाबों की जिंदगी नहीं सवर सकी ऐसे में सबसे लंबे जिले के चंद ताल दूर-दूर से पक्षियों का आना जाना लगा रहता था पक्षी बिहार के नाम से प्रसिद्ध था लेकिन मछुआरों के चलते हैं पेड़ पौधे शब्द कट गए प्रवासी पक्षी नजर नहीं आ रहे हैं जबकि सरकार द्वारा हर वर्ष कई लाखों का पेड़ पौधे लगाए जाते हैं

 लेकिन फिर भी इस ताल में अभी तक कोई पौधे पेड़ नहीं लग पाए सरकार करोड़ों रुपया पानी में बह चुकी पिछले 10 सालों से हर जिलाधिकारी की निगाहों चन्दो ताल की किनारे हजारों पेड़ लगाए जाते हैं लेकिन दिखाई कोई नहीं पड़ता है इसका मुख्य कारण है किस की देखरेख करने या उसकी सुरक्षा की कोई जिम्मेदारी वन विभाग और प्रशासन की नहीं रहती है इसी कारण सारे पेड़ नष्ट हो गए।

बस्ती जिले के नगर बाजार के ऐतिहासिक चंदोताल पर प्रवासी पक्षियों का एक जोड़ा बदलती आबोहवा व मछलियों का शिकार करने वाले लोगों की गतिविधियों और अनुकूलित पेड़-पौधे न होने की वजह से विलुप्त हो रहे बस्ती जिले के ऐतिहासिक चंदोताल पक्षी विहार पर आने वाले प्रवासी पक्षी दर-दर भटक रहे

जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत नगर बाजार के ऐतिहासिक चंदोताल से इस बार प्रवासी पक्षियों ने मुँह मोड लिया है। हर बार सर्दियों में इस ताल मे विचरण करने वाले रंग विरंगे विदेशी पक्षियों को दूर-दराज से देखने आने वाले पर्यटक इस बार मायूस हैं, क्योंकि अभी तक इस ताल मे प्रवासी पक्षियों ने डेरा नही डाला है, जबकि हर वर्ष नवंबर माह के अंत तक वे बड़ी तादाद मे पहुँच जाते थे।

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