स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा है अस्पताल।

स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा है अस्पताल।

सरकार के आदेशों की खुलेआम उड़ा रहे धज्जियां। शाहजहांपुर। कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सरकार और प्रशासन लोगों को जागरूक करने के साथ साथ दंडित भी कर रहा है लेकिन जागरूक करने वाले डॉक्टर खुद इस मामले में लापरवाही करते देखे जा रहे हैं जो स्वयं को तो खतरे में डाल ही रहे हैं

सरकार के आदेशों की खुलेआम उड़ा रहे धज्जियां।

 शाहजहांपुर।

कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए सरकार और प्रशासन लोगों को जागरूक करने के साथ साथ दंडित भी कर रहा है लेकिन जागरूक करने वाले डॉक्टर खुद इस मामले में लापरवाही करते देखे जा रहे हैं जो स्वयं को तो खतरे में डाल ही रहे हैं साथ ही इस महामारी को फैलाने में भी कहीं ना कहीं अहम भूमिका निभा रहे हैं जिनको पैसे के अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत से बिना रजिस्ट्रेशन चल रहा है अस्पताल।

मामला शाहजहांपुर जिले के मेडिकल कालेज से सटे निवांश हेल्थ केयर सेंटर का है जहां डा. कुमार नीतीश आपने मरीजों को देख रहे थे जो जिले के महंगे डॉक्टर माने जाते हैं जिनका परामर्श शुल्क पांच सौ रुपया है जिनकी आज कल कोरोना वायरस के चलते दवाइयां भी महंगी हो गई हैं तो यहां लोगों को ना मुंह पर रुमाल ना डिस्टेंसिंग का ख्याल है जबकि मेडिकल स्टोरों से लेकर प्राइवेट हॉस्पिटल में डिस्टेंस के साथ ओपीडी खोलने के निर्देश दिए गए थे लेकिन लापरवाही करते हुए प्राइवेट डॉक्टर खुद को तो खतरे में डाल रहे हैं साथ ही महामारी को फैलाने में अच्छा खासा योगदान भी कर रहे हैं वही कोरोना वायरस का डर दिखाकर लॉक डाउन के कारण दवाइयां ना आ पाने का झांसा देकर मालामाल भी हो रहे हैं लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान देते दिखाई नहीं दे रहा है जो जिले के लिए एक खतरा बन सकता है जहां दिल्ली नोएडा हरियाणा गाजियाबाद से पैदल चलकर घर पहुंचे मजदूर भी पहुंच रहे हैं।

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