विकास कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की जाँच के नाम पर लीपापोती, शिकायतकर्ता पुनः पहुँचा लोकायुक्त के दरबार

विकास कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की जाँच के नाम पर लीपापोती, शिकायतकर्ता पुनः पहुँचा लोकायुक्त के दरबार

लोकायुक्त के निर्देश पर डीएम गोण्डा ने अधिनस्थ अधिकारियों को जांच के आदेश दिए थे


गोण्डा विकासखण्ड मनकापुर के ग्राम पंचामत गुनौरा मे पूर्व के समय में कराए गए विकास कार्यों में भारी अनियमितता की लोकायुक्त के निर्देश पर डीएम गोण्डा ने अधिनस्थ अधिकारियों को जांच के आदेश दिए थे। मामले में जांच के दौरान लीपापोती किए जाने की शिकायत पुनः लोकायुक्त से करते हुए ग्रामीण ने पत्र लिखकर जनहित में दोबारा जाँच कराने की मांग की है।

बताते चलें कि विकास खण्ड मनकापुर के ग्राम पंचायत गुनौरा में विकास कार्यों से जुड़े हुए जिम्मेदार अधिकारियों व तत्कालीन ग्राम प्रधान रघुनायक प्रसाद द्विवेदी के कार्यकाल में गांव के विकास के नाम जमकर धन का बंदरबांट किया गया। गांव के शिकायतकर्ता राम प्रसाद पुत्र स्व राम सूरत ने मामले मे लोकायुक्त उत्तर प्रदेश को शिकायती पत्र लिखकर कर दोषियों के खिलाफ जाँच एवं कार्यवाही की मांग की थी।

लोकायुक्त के निर्देश पर डीएम मार्कण्डेय शाही ने मुख्य विकास अधिकारी शंशाक त्रिपाठी को जाँच सौंपी । मामले में सीडीओ ने त्रिस्तरीय टीम का गठन कर मामले की जांच कराई। लेकिन टीम के अधिकारियों ने आधी अधूरी जांच करके अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली, जांच के दौरान डीडीओ दिनकर कुमार विद्यार्थी, उपायुक्त मनरेगा व प्रांतीय खंड के अभियंता लोक निर्माण विभाग ने 9 व 10 नवंबर को जांच अधिकारियों ने ग्राम पंचायत का दौरा किया जिसमें पशु शेड निर्माण के नाम पर चार लाख एक हज़ार पांच सौ छब्बीस रुपए की अनियमितता पाई गई थी लेकिन आरोपी के द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र पर उल्लिखित आख्या रिपोर्ट लगाते हुए पशु सेड में गड़बड़ी को दरकिनार कर मात्र 52000 रुपए की ही अनियमितता दर्शाई गई।

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बताया जाता है कि जांच के दौरान पशु सेड में नव निर्माण करके जांच अधिकारियों को प्रभावित कर दिया। जिसका खुलासा जांच रिपोर्ट के उस बिंदु पर मिलता है, जहां पर कार्य शुरू कराए जाने व कार्य पूर्ण कराए जाने का कोई बोर्ड मौजूद नहीं था। ग्राम पंचायत सचिव व तत्कालीन ग्राम प्रधान द्वारा विकास कार्यों में की गई गड़बड़ी को छुपाने के लिए पुनर्निर्माण कराया जाना यह सिद्ध करता है।

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समूचे ग्राम पंचायत गुनौरा में जितने इंडिया मार्का नल नहीं लगाए गए हैं, उससे कहीं ज्यादा संख्या में नल के मरम्मत व रिबोर के नाम पर धन निकाल लिया गया था।
शिकायतकर्ता राम प्रसाद ने बताया कि वर्ष 2017 में रामसूरत के घर से तालाब तक लगभग 55 मीटर नाली का निर्माण कराया गया जिस पर तत्कालीन ग्राम पंचायत सचिव द्वारा तीन बार अलग-अलग नामों को दर्शाकर तीन बार में लगभग सवा तीन लाख रुपए खर्च होना दर्शाया गया है।

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जांच अधिकारियों ने शिकायतकर्ता की शिकायत को दरकिनार कर नाली निर्माण में दोषमुक्त करार दिया है। वही प्राथमिक विद्यालय नरेंद्रपुर के कायाकल्प में गड़बड़ी, मृतक राम रूप के नाम पर तालाब में पानी भरने के नाम धन निकासी की गड़बड़ी, तालाब खुदाई, जीर्णोद्धार, बंधा निर्माण, इंटरलॉकिंग, सड़क पर मिट्टी पटाई, अपात्रों को आवास योजना का लाभ दिया जाना, अपात्रों को पशु शेड योजना का लाभ दिया जाना,अन्य कई बिंदुओं पर बिना जांच किए ही मामले को इतश्री कर दिया गया। इन्हीं बिंदुओं को लेकर शिकायतकर्ता ने लोकायुक्त से पुनः जांच कराने की मांग की है।

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