राहुल-तेजस्वी की वोटर अधिकार यात्रा में अखिलेश की एंट्री

राहुल-तेजस्वी की वोटर अधिकार यात्रा में अखिलेश की एंट्री

प्रयागराज।
 
बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की 'वोटर अधिकार यात्रा' ने सियासी हलचल तेज कर दी है। 30 अगस्त को इस यात्रा का 14वां दिन है। जब समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने छपरा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव के साथ कदमताल मिलाया। यह यात्रा, जो वोटर लिस्ट में कथित गड़बड़ियों और 'वोट चोरी' के मुद्दे को लेकर शुरू की गई है, अब अपने अंतिम चरण में है।
 
डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तथा सांसद कनिमोझी के बाद अखिलेश यादव इस यात्रा में शामिल होने वाले दूसरे प्रमुख विपक्षी नेता हैं। जल्द ही झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस अभियान में शामिल होंगे, जिससे विपक्ष की एकजुटता और मजबूत होगी। इस यात्रा ने एक बात और भी साफ कर दी है कि राहुल अब विपक्ष का नेतृत्व करने वाले नेता बन गए हैं।
 

सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, "यह इलाका उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है।

 
30 अगस्त को यात्रा छपरा के एकमा से शुरू हुई और भोजपुर के आरा की ओर बढ़ी। इस दौरान अखिलेश यादव, राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और राजद नेता रोहिणी आचार्य एक खुली जीप में सवार होकर जनता का अभिवादन करते नजर आए। आरा के वीर कुंवर सिंह मैदान में एक जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें इन नेताओं ने जनता को संबोधित किया। अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तीखा हमला बोला और कहा, "जैसे अवध ने बीजेपी को बाहर किया, वैसे ही अब मगध की जनता भी बीजेपी को बाहर करेगी। चुनाव आयोग अब 'जुगाड़ आयोग' बन गया है।"
 
अखिलेश यादव की इस यात्रा में शामिल होने को राजद के मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण को 'पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक' (पीडीए) में विस्तार देने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस गठबंधन ने 43 सीटें जीतकर बीजेपी को करारी शिकस्त दी थी, जिसमें सपा की पीडीए रणनीति की बड़ी भूमिका थी। अब बिहार में भी इस फॉर्मूले को आजमाने की कोशिश हो रही है। सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने कहा, "यह इलाका उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है। देवरिया, कुशीनगर, बलिया, गाजीपुर जैसे जिलों से रिश्तेदारियां हैं, इसलिए इस यात्रा का असर यूपी तक दिखेगा।"
 
इस यात्रा में डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन और कनिमोझी 27 अगस्त को दरभंगा में शामिल हुए थे, जिसने विपक्षी एकजुटता को और बल दिया। तेलंगाना के सीएम रेवंत रेड्डी भी आ चुके हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया भी इस यात्रा में हिस्सा लेंगे। झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन भी जल्द ही इस यात्रा में शामिल होंगे। 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक विशाल रैली के साथ इस यात्रा का समापन होगा, जिसमें इंडिया गठबंधन के कई बड़े नेता शामिल होंगे।

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