सीआईएसएफ की राष्ट्रव्यापी अग्निशमन के क्षेत्र में पहल 22 राज्यों के 150 शहरों में 380 अग्निशामकों को प्रशिक्षण, जन जागरूकता अभियान पर जोर
कमांडेंट विवेक आर्य के मार्गदर्शन आम जनता, छात्रों व कर्मचारियों को अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता अभियान
सीआईएसएफ का राष्ट्रव्यापी अग्निशमन प्रशिक्षण
अजित सिंह/ राजेश तिवारी ( ब्यूरो रिपोर्ट)
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), जो भारत का एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) है जिसके पास एक समर्पित अग्निशमन विंग है। देश भर में एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रव्यापी अग्निशमन प्रशिक्षण कार्यक्रम चला रहा है। इस पहल का दोहरा उद्देश्य है कि एक ओर राज्य अग्निशमन सेवाओं के कर्मियों को अत्याधुनिक प्रशिक्षण देना वहीं दूसरी ओर आम जनता, विशेषकर छात्रों और कर्मचारियों में अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
जहां कमांडेंट विवेक आर्य के मार्गदर्शन में सीआईएसएफ इकाई SSTPS शक्तिनगर (सोनभद्र) ने इस पहल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इकाई ने एनटीपीसी कर्मचारियों, स्कूल के छात्रों और एनएसएस (NSS) के छात्रों सहित लगभग 4000 लोगों को अग्निशामक के उपयोग और अग्नि सुरक्षा के बारे में प्रशिक्षित किया है।
Read More ग्रामीण महिलाओं हेतु फल संरक्षण एवं खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के प्रशिक्षण का कार्यक्रम आयोजित।यह सामुदायिक जुड़ाव और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है जो आपदा-प्रतिरोधी समाज के निर्माण में सहायक है। इस राष्ट्रव्यापी प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत सीआईएसएफ स्थापना दिवस 2023 के दौरान हुई थी, जब केंद्रीय गृह मंत्री ने सी आईएसएफ को 100 भारतीय शहरों के अग्निशमन कर्मियों को प्रशिक्षित करने का विशेष दायित्व सौंपा था।
इस निर्देश के बाद, CISF ने राज्य अग्निशमन सेवा कर्मियों के कौशल को उन्नत करने के लिए एक विशेष और व्यापक पाठ्यक्रम तैयार किया।हैदराबाद में CISF का प्रतिष्ठित अग्निशमन सेवा प्रशिक्षण संस्थान (FSTI) इस प्रशिक्षण का केंद्र बिंदु रहा है। वर्ष 2023-24 के दौरान, FSTI ने 11 प्रशिक्षण बैचों का आयोजन किया, जिसमें 113 शहरों के 274 अग्निशमन कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
वर्ष 2025 में यह पहल और तेज हुई है, जिसमें पाँच अतिरिक्त प्रशिक्षण बैच आवंटित किए गए हैं। इनमें से चार बैच पहले ही पूरे हो चुके हैं, जिनसे 10 राज्यों के 46 शहरों के 106 प्रतिभागियों को लाभ मिला है। पाँचवां और अंतिम प्रशिक्षण सत्र आगामी 25 अगस्त, 2025 को शुरू होगा।अब तक, इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण अभियान के तहत 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 150 शहरों के 380 अग्निशामकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया जा चुका है।
CISF ने यह भी संकेत दिया है कि यदि राज्य अपने अग्निशामकों को पाठ्यक्रम के लिए नामांकित करने के इच्छुक हैं, तो वे वर्ष 2025 के प्रशिक्षण कैलेंडर में अतिरिक्त स्लॉट को समायोजित करने के लिए भी तैयार हैं।प्रशिक्षण पाठ्यक्रम को आधुनिक अग्निशमन और बचाव तकनीकों के साथ-साथ महत्वपूर्ण आपदा प्रबंधन कौशल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इसका विशेष जोर घनी आबादी वाले शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में उभरती चुनौतियों का समाधान करने पर है।कार्यक्रम में परिष्कृत अग्नि प्रतिक्रिया तंत्र, रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु (CBRN) आपात स्थितियों के लिए तैयारी, और रासायनिक युद्ध एजेंटों से निपटने जैसे उन्नत विषयों को शामिल किया गया है।
यह आधुनिक खतरों की विकसित प्रकृति को दर्शाता है और सुनिश्चित करता है कि प्रशिक्षित अग्निशामक किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार हों। CISF के प्रवक्ता ने बल की इस अनूठी पहल पर प्रकाश डालते हुए कहा, एक समर्पित फायर विंग के साथ एकमात्र CAPF के रूप में
CISF अग्निशमन कर्मियों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने और अग्नि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन तैयारियों के लिए एक सक्रिय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को अग्नि सुरक्षा अनुसंधान और प्रथाओं में नवीनतम गतिविधियों को प्रतिबिंबित करने के लिए लगातार अपडेट किया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हमारे अग्निशामक न केवल समय पर आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए बल्कि रोकथाम के लिए भी सशक्त हैं।
हैदराबाद में स्थित FSTI एक अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और भारत में अग्निशमन प्रशिक्षण की आधारशिला है। यह संस्थान न केवल CISF कर्मियों को, बल्कि विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के सदस्यों को भी उन्नत प्रशिक्षण प्रदान करता है, जो अग्नि सुरक्षा में CISF की अग्रणी भूमिका को रेखांकित करता है।
जैसे-जैसे यह पहल वर्ष 2025 तक आगे बढ़ेगी, CISF का लक्ष्य राज्य अग्निशमन सेवाओं के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत करना है। इससे भारत की समग्र शहरी सुरक्षा और संरक्षा अवसंरचना को बढ़ाने में मदद मिलेगी, जो भारत सरकार के आपदा-प्रतिरोधी दृष्टिकोण के अनुरूप होगा तथा जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए CISF की अटूट प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा।

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