स्वतंत प्रभात एक्सक्लुसिव! जिले में फर्जी नर्सिंग होम का साम्राज्य:  मौत के मुहाने पर स्वास्थ्य सेवा

प्रसासन मौन, स्वास्थ्य विभाग लाचार जाँच  के नाम पर सिर्फ दिखावा  मरीजों की जान से खुला खिलवाड़

स्वतंत प्रभात एक्सक्लुसिव! जिले में फर्जी नर्सिंग होम का साम्राज्य:  मौत के मुहाने पर स्वास्थ्य सेवा

सुपौल, बिहार एम के रोशन


 जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल बेहाल है। स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर दर्जनों फर्जी निजी संस्थान खुलेआम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। स्थिति यह है कि सैकड़ों नर्सिंग होम और पैथोलॉजी सेंटर बिना पंजीकरण और बुनियादी सुविधाओं के धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि यह सब कुछ  प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे हो रहा है, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही।
"""""""""""""
जांच के नाम पर सिर्फ होती है खानापूर्ति

जाँच के नाम पर खानापूर्ति होने के कारण बिना प्रशिक्षित स्टाफ यानी झोलाछाप द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा है।जानकारों के अनुसार, जिले में अधिकांश नर्सिंग होम स्वास्थ्य विभाग के तय मानकों को ताक पर रखकर चलाए जा रहे हैं।

बोर्ड पर डॉक्टर, अस्पताल में कोई नहीं

मजेदार बात है कि अवैध संस्थानों में आम जनता को भ्रमित करने के लिए प्रसिद्ध डॉक्टरों के नाम और तस्वीर वाले बड़े-बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं।लेकिन  वास्तविकता यह है कि जिन डॉक्टरों के नाम पर बोर्डपर   होते  हैं, वे न तो वहां मौजूद होते हैं और न ही उनका वहां से कोई वास्ता होता है। इलाज दूसरे के द्वारा किया जाता है, जिससे मरीजों की जान को गंभीर खतरा होता है।कई बार तो मरीज की मौत हो जाती है। इन मे  उपकरणों की भारी कमी, प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ का अभाव और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं।

फर्जी डॉक्टरों पर दर्ज हो चुका है केस, लेकिन बेअसर 

जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय सुपौल  के निर्देश बर्ष 2017 में  17 अवैध  क्लीनिक, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी  पर केस दर्ज किया गया था। जबकि शिकायतकर्ता ने कुल 63 फर्जी संस्थानों की सूची सौंपी थी। इस कार्रवाई के बाद  समय के लिए होर्डिंग्स जरूर हटा दिए गए थे। लेकिन कुछ दिन बाद फिर से वही हालात हो गए हैं । न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी अवैध स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या में इजाफा हो रहा है।

छोटे कदम, बड़ा सवाल

20  मई 2023 को त्रिवेणीगंज के  जदिया में तीन अवैध जांच केंद्रों को सील किया गया था, लेकिन ये छोटे-मोटे प्रयास समग्र समस्या को खत्म करने में नाकाम रहे हैं। बिभागीय  लचर रवैये ने न केवल लोगों का भरोसा खोया है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल भी खोल दी है।

सिविल सर्जन का दावा – होगी जांच

सिविल सर्जन ने कहा, "स्वास्थ्य विभाग से बिना निबंधन के नर्सिंग होम संचालित करना अवैध है। जिले में संचालित ऐसे नर्सिंग होम की टीम गठित कर जांच कराई जाएगी, ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिल सके।"


जिले में स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता और प्रशासन की लापरवाही से   फर्जी नर्सिंग होम और जांच घरों को खुली छूटमिली हुई है। यदि जल्द ही सख्त और व्यापक कार्रवाई नहीं की गई तो यह मूक व्यवस्था लोगों की जिंदगी के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

About The Author

Post Comment

Comment List

आपका शहर

पूर्ण पारदर्शिता अपनाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई बाहरी ताकतें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के कामकाज में हस्तक्षेप न करें: सीजेआई गवई। पूर्ण पारदर्शिता अपनाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कोई बाहरी ताकतें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के कामकाज में हस्तक्षेप न करें: सीजेआई गवई।
स्वतंत्र प्रभात।  प्रयागराज।   भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) भूषण गवई ने शुक्रवार को कहा कि न्यायाधीशों की नियुक्ति में कोई...

अंतर्राष्ट्रीय

Online Channel