स्ती जनपद में ग्राम पंचायत बड़ोसर में जमकर किया जा रहा मनरेगा फर्जीवाड़ा
सचिव पंकज सिंह और टी ए राज नरायन चौधरी के कमीशनबाजी से दम तोड़ रहा मनरेगा कार्य- विकास कार्यों में वित्तीय अनिमियतता के कारण सचिव पंकज सिंह पूर्व में कई बार हो चुके है निलंबित - सूत्र
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बस्ती।
बस्ती जिले के विकासखंड कप्तानगंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़ोसर में मनरेगा कार्य के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा किया जा रहा है जिसमें सचिव पंकज सिंह एवं टी ए / जे ई राज नारायन चौधरी अहम भूमिका निभा रहे हैं । सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायतों में वित्तीय अनियमितता के कारण सचिव पंकज सिंह कई बार निलंबित हो चुके हैं लेकिन ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार को बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं ।
टी ए / जे ई राज नरायन चौधरी पूर्व प्रधानी काल में सरकारी धन का दुरुपयोग करने के मामले में बर्खास्त हो चुके हैं अर्थात् टी ए राज नरायन चौधरी की वित्तीय अनियमितता के कारण जिलाधिकारी द्वारा सेवा समाप्ति की जा चुकी है लेकिन टी ए राज नरायन चौधरी ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में फर्जीवाड़ा करने में नही चूकते हैं। आपको बता दें कि विकासखंड कप्तानगंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़ोसर में मनरेगा योजना जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता से दम तोड़ रही हैं।
सूत्रों की माने तो ग्राम पंचायत बड़ोसर में 364 मनरेगा मजदूरों का ऑनलाइन मस्टर रोल जारी है जिसमें 11 साइडों के नाम पर फर्जी मस्टर रोल जारी है । 11 मनरेगा साइडों में 03 पीएम आवास की मनरेगा मजदूरों का मस्टर रोल जारी है । ग्राम प्रधान मनीष चौधरी प्रधान संघ कप्तानगंज के ब्लाक अध्यक्ष है जो खंड विकास अधिकारी कप्तानगंज के सहयोग से विकास कार्यों में जमकर लूट - खसोट किया जाता है l
यदि खंड विकास अधिकारी द्वारा ग्राम प्रधान मनीष चौधरी के कार्यों में हस्तक्षेप किया जाता है तो खण्ड विकास अधिकारी के खिलाफ तरह - तरह का आरोप लगाकर धरना प्रदर्शन किया जाता है ।फर्जी सूची जारी 364 मनरेगा मजदूरों का ऑनलाइन मस्टर रोल के फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है । ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत बड़ोसर में किस साइड पर कहां - कहां मनरेगा कार्य चल रहा है मात्र ग्राम प्रधान मनीष चौधरी , सचिव पंकज सिंह व टी ए राज नरायन चौधरी को पता है ।
ग्राम पंचायत में किसी भी सदस्य को नही पता है । ग्राम प्रधान द्वारा विकास कार्यों को ज्यादातर कागजों में पूर्ण किया जाता है । ग्रामीणों ने यह भी कहा कि यदि पूर्व में हुए विकास कार्यों की निष्पक्ष जांच हो जाएं तो जिम्मेदार अधिकारी जेल की हवा खाएंगे लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा जांच के नाम पर ग्राम प्रधान से दुरंभि संधि करके मनचाहा सुविधा शुल्क लेकर मामले में लीपापोती कर रफा दफा कर देते हैं । उक्त प्रकरण में डी सी मनरेगा संजय शर्मा ने कहा कि जांच कर कारवाई की जाएगी ।
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