कागजों में बंट रहा नौनिहालों का पौष्टिक आहार
बच्चों का नाम रजिस्टर में दर्ज कर पैसा कर रहे हड़प
अलीगढ़। तमाम केंद्रों पर नौनिहालों को पौष्टिक भोजन सिर्फ कागजों में बंट रहा है। कई केंद्र सिर्फ कागजों में चल रहे हैं। प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों का नाम रजिस्टर में दर्ज कर पैसा हड़पा जा रहा है। गर्भवती व धात्री महिलाओं को भी कभी पुष्टाहार नहीं दिया जाता है। बाल विकास परियोजना की इस दुर्दशा की खबर प्रशासन को भी है, पर निरीक्षण व जांच के लिए अफसरों को फुर्सत ही नहीं है। नौनिहालों को मजबूत आधार देने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है।
लेकिन बिना आधार के बच्चों को मिलने वाला आहार कमाई का जरिया बना हुआ है। केंद्र सरकार की जांच में पोल खुलने के बाद स्थानीय स्तर पर भी कई सवाल खड़े हो गए है। यहां भी बड़ी संख्या में बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन सका है, ऐसे में बड़ी संख्या में बच्चों के नाम पर मिलने वाले आहार का बंदरबाट हर माह हो रहा है। अलीगढ़ मंडल में भी बड़ा घपला होने की और इशारा किया है।
क्योंकि मंडल के जिलों में अभी बड़ी संख्या में जीरो से छह वर्ष तक ऐसे बच्चे मौजूद है, जिनका आधार ही नहीं बन सका है। ऐसे में बिना आधार वाले बच्चों के नाम पर मिलने वाले आहार का बंदरबाट किया जा रहा है। इस संबंध में पूर्व में भी कई शिकायत अधिकारियों के पास पहुंची, लेकिन नाम मात्र की जांच होने से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी। बच्चों व गर्भवती महिलाओं का कुपोषण दूर करने के लिए केंद्र सरकार की बाल विकास परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।
शहर के कई आंगनबाड़ी केंद्रों की पड़ताल में हॉटकुक्ड योजना की पोल खुल गई। री बच्चों हाजिरी दर्ज 6/10 बच वीरान थे वह का कहना है कि जो भी पौष्टिक आहार बच्चों के लिये सरकार से मिलता है उसे सीडीपीओ और सुपरवाइजर बेचकर पैसा देने का दबाब बनाते हैं। वहीं आगंनबाड़ी कार्यकत्रियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अभी सरकार की तरफ से गेंहू और चाल नौनिहालों में बंटने के लिये आया था, लेकिन सिफ कागजों में बांटना दर्शाकर बंदरबाट कर लिया गया है।
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