डीएपी खाद की किल्लत से किसान परेशान

डीएपी खाद की किल्लत से किसान परेशान

सिद्धार्थनगर। जिले के सहकारी समितियों के साथ निजी दुकानों पर भी डीएपी खाद किसानों को नहीं मिल रही है। किसान डीएपी खाद के लिए समितियां एवं प्राइवेट दुकानों का चक्कर लगा रहे हैं। बीते तीन दिनों से डीएपी खाद न तो सहकारी समितियों में मिल रही है और न ही निजी दुकानों पर ही उपलब्ध। किसानों को नैनो डीएपी पसंद ही नहीं है। यही वजह है कि डीएपी खाद का संकट बढ़ गया है। जिले  में इस समय डीएपी खाद की किल्लत चल रही है।किसानों का कहना है कि  डीएपी  खाद नहीं  मिल पा है। खाद नहीं मिलने से सरसों, आलू व मटर की बोआई नहीं हो पा रही है। 
 
सहकारी समितियों पर लटक रहा ताला, लौटाए जा रहे किसान
जिले  के 14 ब्लाकों  के  अधिकांश सहकारी  समितियों से डीएपी नदारद है। नौगढ़ ब्लाक के  सोहास साधन सहकारी समिति पर सचिव पर मनमाने ढंग से वितरण किये जाने तथा खाद  का अधिक मूल्य  लिए जाने का किसानों ने आरोप लगाया है। जिसका  एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है,हालांकि वॉयरल वीडियो की सत्यता की पुष्टि 'स्वतंत्र प्रभात'  अखबार नहीं करता है। और  सहकारी समितियां से  किसानों को बैरंग  लौटाया जा रहा है।  बोआई के समय डीएपी नदारद होने से किसान परेशान हैं।
 
रबी की मुख्य फसल गेहूं, सरसों, आलू बोने के लिए किसान सहकारी समितियों से लेकर प्राइवेट दुकानों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। वर्तमान में रबी सीजन में समितियों व बाजारों में डीएपी नदारद है। विकास क्षेत्र  लोटन,बर्डपुर नौगढ़ के किसानों ने बताया कि  रवि के सीजन में बीते दिनों डीएपी खाद आई थी । जो एक ही दिन में बिक गई। इस समय सभी समितियां पर डीएपी का संकट  चल रहा है। मजबूरन बिना खाद के फसलों की बुआई करनी पड़ रही है इससे फसल उत्पादन भी प्रभावित होगा ।
 
क्या कहते है अधिकारी
इस संबंध में प्रभारी ए आर राजेश सिंह का कहना है कि जिले के 117 सहकारी समितियां के लिए डीएपी खाद का आवंटन हो गया है कुछ साधन सहकारी समितियां को छोड़कर लगभग अधिकांश सहकारी समितियां पर डीएपी उपलब्ध है और बाकी जगहों पर भी   डीएपी खाद उपलब्ध हो जाएगी।

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