आंगनबाड़ी केंद्र:नोटिस और जांच पर जिम्मेदारों का हो रहा है बचाव 

-मोटे कमीशन के खेल में मनरेगा के अधिकारियों की चांदी 

आंगनबाड़ी केंद्र:नोटिस और जांच पर जिम्मेदारों का हो रहा है बचाव 

- लोकपाल और डीपीआरओ ने जारी किया नोटिस, सीडीओ ने तीन सदस्य समिति की गठित,डीसी मनरेगा कार्रवाई करने से बचते नजर आए 

मथुरा: उत्तर प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति मथुरा के अधिकारियों के लिए बड़ा वरदान साबित हो रही है अधिकारी जनता को इस नीति का भय दिखाकर बड़ा कमीशन का खेल खेल रहे हैं ऐसा ही मामला फरह ब्लॉक के अंतर्गत लगभग सभी ग्राम पंचायतों में देखने को मिला। आंगनबाड़ी केंद्रों के अधूरे निर्माण में पूरा भुगतान हुआ है ।
 
गौरतलब है कि आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण करने वाली फर्मो के लिए डिजिटल भुगतान का एफटीओ गेटवे बनता है। जिससे भुगतान हो सके, बीडीओ के द्वारा एक कमेटी बनाई है जो पंचायत में आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण कार्यों को देखकर फार्मो के भुगतान के लिए रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी है लेकिन अपने चहेती फर्म जो कमीशन दे चुकी हैं उनका भुगतान कर दिया है लेकिन उन फर्मों के आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण अभी तक पूरा नहीं हुआ है।  मनरेगा लोकपाल ने इस मामले में साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए विकासखंड अधिकारी फरह को नोटिस दिया है। लेकिन बीडीओ के द्वारा कोई बयान और साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए हैं। लोकपाल के समक्ष प्रस्तुत होना भी लाजिमी नहीं समझा है।
 
किरन चौधरी जिला पंचायत राज अधिकारी ने विकासखंड फरह की  सात ग्राम पंचायत में आंगनबाड़ी केंद्रों को लेकर  सचिवों को नोटिस थमाया है।  क्योंकि राजवित्त से ₹2 लाख रुपए आंगनबाड़ी केदो के लिए पंचायत राज विभाग ने दिए हैं। इस पूरे मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी अपनी पूरी चुप्पी सादे हुए हैं और इस मामले में मुझे मालूम कह बच रही हैं। लेकिन इस विभाग से भी ₹दो लाख आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए जारी हुए हैं बीड़ीओ ने बताया भुगतान के लिए सिर्फ 14 मिनट मिलती है इस समय दौरान जिन फर्मों का एफटीओ नंबर फीड हो जाता है उसी का भुगतान हो जाता है ।
 
विगत  दिनों पहले  एम एल व्यास जॉइंट कमिश्नर मनरेगा उत्तर प्रदेश ने मथुरा एक जांच के दौरान दौरा किया । मीडिया से बात करते हुए इस मामले पर विजय कुमार पांडे डीसी मनरेगा मथुरा को निर्देशित किया इस मामले में आपने कोई नोटिस क्यों नहीं दिया जल्दी से जल्दी नोटिस देकर अपनी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को सौंप दें।
 
डीडीओ, डीसी मनरेगा और तकनीकी सहयोग हेतु एएमआई तीन सदस्य समिति नामित की गई है एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को निर्देशित किया है गलत पाए जाने पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी 
मनीष मीना मुख्य विकास अधिकारी ।
 
हमने सात पंचायतों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है लेकिन कोई जवाब नहीं आया है हम स्वयं इस मामले की जांच करेंगे हमारे विभाग के द्वारा राजवित्त से ₹2 लाख जारी हुए हैं इस जांच के बाद जो दोषी होगा कड़ी कार्रवाई होगी किरण चौधरी जिला पंचायत राज अधिकारी मथुरा।

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