विंध्याचल में सोने चांदी से सजा माँ विंध्यवासिनी का गर्भगृह

तीर्थपुरोहित डॉ राजेश मिश्र जी व शिवानंद मिश्र जी उपस्थित रहें

विंध्याचल में सोने चांदी से सजा माँ विंध्यवासिनी का गर्भगृह

गर्भगृह को सजाने में लगा करीब 57 किलो सोना चांदी, 12 दिन में किया गया सेट, डीएम ने की आरती,

रिपोर्ट_ रामलाल साहनी 
 
छायाकार_ ओम प्रकाश मौर्य (नीलेश)
 
स्वतंत्र प्रभात, मीरजापुर 
 
मीरजापुर। विंध्याचल धाम में विराजमान आदि शक्ति माता विंध्यवासिनी के गर्भगृह को करीब 57 किलो सोने एवं चांदी से सजाया गया। माँ के धाम में भक्त संजय सिंह के द्वारा अर्पित मंडप में विराजमान माता विंध्यवासिनी की जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने विधिवत पूजन अर्चन किया। जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने भक्त के श्रद्धा को देखते हुए उन्होंने आभार जताया । कहा कि माँ का धाम निरंतर सजता रहे। 
 
विंध्याचल धाम में माँ के गर्भगृह को सजाने का काम 6 जून से आरम्भ हुआ था। प्रतिदिन अधिष्ठापन कार्य के दौरान दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक प्रथम प्रवेश द्वार से 3 घण्टे के लिए प्रवेश बंद रखा गया था। एक तरफ सजावट का कार्य किया जा रहा था तो दूसरी तरफ पश्चिमी द्वार से भक्तों को दर्शन करने की सुविधा प्रदान किया गया था। 
 
12 दिन तक चले कार्य के बाद माँ के धाम की निराली छवि देख भक्त निहाल हो उठे। तीर्थ पुरोहित डा. राजेश मिश्र ने बताया कि करीब 4.5 करोड़ के लागत से मुंबई के उद्योगपति संजय सिंह ने अपने माता पिता के संकल्प को पूरा करने के लिए गर्भगृह को सोने चांदी से सजवाया हैं । जिसमें करीब 52 किलो चांदी और 4.5 किलो सोना लगाया गया है। महाराष्ट्र एवं गुजरात के कारीगरों ने गर्भगृह को सजाने का काम किया हैं। 
मुंबई के उद्योगपति संजय सिंह ने अपने तीर्थ पुरोहित शिवानंद मिश्र के निर्देशन में संकल्प को पुरा किया। जिलाधिकारी ने कार्य पूर्ण होने पर माँ की पूजा अर्चना कर आरती उतारी। उन्होंने भक्ति और श्रद्धा के साथ मां के धाम में सोना चांदी अर्पित करने वाले भक्ति का आभार जताया । 
 
माता विंध्यवासिनी के धाम में सोने चांदी से गर्भगृह को संकल्प के रूप में पूरा करने वाले भक्त संजय ने कहा कि यह सब मां विंध्यवासिनी की कृपा है । उनका पूरा परिवार जगत जननी का अनन्य भक्त है । मां की कृपा और श्रीविंध्य पंडा समाज के सहयोग से सेवा करने का अवसर मिला । कह कि मेरी इच्छा है कि विश्व में मां विंध्यवासिनी का प्रसिद्ध हो । करोड़ों की संख्या में भक्त मां के धाम में आए और सब पर माँ की कृपा बनी रहे।

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