हजारों हेक्टेयर सरकारी जमीन गड्ढे में तब्दील

 सरकारी जमीन की मिट्टी खोदकर करोड़ो  में बेंच रहे  माफिया

हजारों हेक्टेयर सरकारी जमीन गड्ढे में तब्दील

तहसील प्रशासन सरकारी जमीन को सुरक्षित करने के लिए आगे आने को नहीं है तैयार

सरकारी जमीन से मिट्टी खनन के मामले में पुलिस भी वसूली तक रह गई सीमित
 
कौशाम्बी। सरकारी जमीन की सुरक्षा का जिम्मा संबंधित तहसील के तहसीलदार और उप जिलाधिकारी को सरकार ने दिया है लेकिन सरकारी जमीन बंजर ऊसर तालाब नवीन परती आदि से बेखौफ तरीके से मिट्टी खनन माफिया मिट्टी खोदकर सरकारी जमीन को बर्बाद कर रहे हैं हजारों हेक्टेयर सरकारी जमीन गड्ढे में तब्दील हो रही है और सरकारी जमीन से मिट्टी खोदकर मिट्टी माफिया करोड़ों में खेलने लगे हैं इस अवैध धंधे में अफसर भी मालामाल हुए हैं अवैध तरीके से बिना किसी अधिकार के सरकारी जमीन से मिट्टी खोदने के मामले में रोक लगाने को संबंधित तहसील के तहसीलदार और उप जिला अधिकारी तैयार नहीं दिखाई पड़ते हैं प्रतिदिन पूरे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में मिट्टी माफिया सरकारी जमीन से मिट्टी खोद रहे हैं थाना पुलिस भी शिकायत के बाद मिट्टी खनन में लगे माफियाओं को पकड़ कर उनसे वसूली तक सीमित रह गई है इन दिनों जेसीबी संचालक और ट्रैक्टर चालक सरकारी जमीन की मिट्टी खोदकर बेचने में व्यस्त दिखाई पड़ रहे हैं जिले के तीनों तहसील क्षेत्र में बेखौफ तरीके से सरकारी जमीन से मिट्टी खनन की जा रही है देखते देखते हजारों हेक्टेयर सरकारी जमीन गड्ढे में तब्दील हो गई है लेकिन कहीं भी तहसीलदार और उप जिला अधिकारी सरकारी जमीन की मिट्टी खनन पर रोक लगाते नहीं दिख रहे हैं जिससे उनके माफियाओं से साठगांठ से इनकार नहीं किया जा सकता है।
 
चायल तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत महगाव के मजरा मलहरा में बीते 2 महीने से जेसीबी मशीन संचालक सरकारी बंजर जमीन से मिट्टी खोद रहे हैं कई हेक्टेयर सरकारी बंजर जमीन को 10 फुट गहरा कर दिया गया है बताया जाता है कि इस जमीन से 20 लाख रुपए से अधिक कीमत की मिट्टी जेसीबी मशीन संचालकों ने बेच लिया है शिकायत के बाद चरवा थाना पुलिस ने जेसीबी संचालक को पकड़ा लेकिन आरोप है कि 30000 लेकर फिर जेसीबी संचालक को थाना पुलिस ने छोड़ दिया है जिसके बाद जेसीबी संचालक फिर सरकारी जमीन से मिट्टी खनन में लगा हुआ है यही स्थिति पिपरी थाना क्षेत्र के मखाऊपुर सहित कई गांव की है जहां जेसीबी संचालको ने सरकारी जमीन से मिट्टी खोद कर एक करोड रुपए कीमत की मिट्टी बेच लिया है चरवा थाना क्षेत्र के मीरन और सिरसी के सरकारी तालाबों सहित इलाके के दर्जनों तालाब बंजर और सरकारी भूमि से खनन माफियो ने बहुत ज्यादा मिट्टी का खनन किया है लेकिन कार्यवाही शून्य हैं।
 
सिराथू तहसील क्षेत्र के टेडीमोड पुलिस चौकी के पीछे तड़ाहड़ खोजवापुर सहित कई गांव से सरकारी जमीन से करोड़ों की मिट्टी खोदकर बीते कुछ साल पहले बेची जा चुकी है इसी तरह मंझनपुर मुख्यालय के बगल में कादीपुर ग्राम पंचायत के पीछे बसोहरा अम्बावा पूर्व अम्बावा पश्चिम खोजवापुर कादीपुर आदि ग्राम पंचायत से भी कई महीने से सरकारी जमीन से मिट्टी का अवैध खनन हो रहा है लेकिन मंझनपुर तहसील प्रशासन और सिराथू तहसील प्रशासन कार्यवाही करने को तैयार नहीं दिखाई पड़ रहा है इसके अलावा भी तमाम ग्राम पंचायत क्षेत्र में मिट्टी खनन का काम सरकारी भूमि से तेजी से चल रहा है अब सवाल उठता है कि सरकारी भूमि को सुरक्षित करने का जिम्मा तहसीलदार और उप जिला अधिकारी को दिया गया है क्षेत्र में लेखपाल और कानून को हमेशा भ्रमण करते हैं और सरकारी जमीन से मिट्टी खनन की जानकारी उप  जिला अधिकारी और तहसीलदार को यह देते हैं कि नहीं देते हैं यह उनका विभागीय मामला है लेकिन सरकारी जमीन से मिट्टी का खनन बेखौफ तरीके से लगातार बीते कई साल से बेखौफ चल रहा है
 
जिससे राजस्व प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं आखिर हजारों हेक्टेयर सरकारी जमीन को गड्ढा बनाने में लगे माफियाओं पर मुकदमा दर्ज कराकर मिट्टी की कीमत इनसे वसूल करके सरकारी जमीन को समतल क्यों नहीं किया जा रहा है यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है चर्चाओं पर जाए तो जिले के तीनों तहसीलों के तहसीलदार मिट्टी माफियाओं से करोड़ों की कमाई के सपने देख रहे हैं जिसके चलते सरकारी जमीन से मिट्टी खनन पर रोक लगाने का प्रयास नहीं किया जाता है बताया जाता है कि सड़क चौड़ीकरण में मिट्टी डाली जाती है और इस मिट्टी को सरकारी जमीन से खुदाई होती है राष्ट्रीय राजमार्ग से लेकर फोरलेन सड़क के चौड़ीकरण और सिक्स लेन सड़क के चौड़ीकरण में सरकारी जमीनों से मिट्टी का खनन हुआ है इतना ही नहीं रेलवे द्वारा अतिरिक्त रेल लाइन बिछाए जाने में भी मिट्टी का भराव सरकारी जमीन से मिट्टी खोदकर की गई है निजी जमीनों से मिट्टी खोदने को नहीं मिल रहा है जिससे ठेकेदार सरकारी जमीन से मिट्टी खोद कर बेच रहे हैं और जिम्मेदार सरकारी जमीन के मिट्टी खनन पर रोक लगाते नहीं दिख रहे हैं।

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