अवैध तरीके से संचालित आरा मशीन बनी हरियाली की दुश्मन
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में कई दर्जन अवैध आरा मशीनों का तीन दशक से से हो रहा है संचालन
On
महगांव कौशाम्बी। अवैध आरा मशीनों के संचालन में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी और थाना पुलिस अवैध आरा मशीनों को नहीं बंद करा रहे हैं यदि अवैध आरा मशीनों को बंद कर दिया जाए तो करोड़ों की काली कमाई में बाधा उत्पन्न होगी जिससे वन विभाग के अधिकारी अवैध आरा मशीनों पर कार्यवाही करने को तैयार नहीं दिख रहे हैं जिले के विभिन्न क्षेत्र में पांच दर्जन से अधिक अवैध आरा मशीनों का संचालन तीन दशक से प्रतिदिन विभागीय संरक्षण में हो रहा है अवैध तरीके से संचालित आरा मशीन को स्थानीय थाना पुलिस का भी संरक्षण मिलता है इन आरा मशीनों के संचालन के लिए हरे फलदार पेड़ की लकड़ियों को लकड़ी माफिया द्वारा बेखौफ तरीके से काटकर आरा मशीनों में प्रतिदिन पहुंचाया जा रहा है ना तो पेड़ के कटान का परमिट लिया जाता है और ना ही लकड़ी को इधर-उधर ले जाने के लिए ट्रांजिट परमिट लिया जाता है नियमों की बात करें तो हरे पेड़ के कटान का परमिट मिल ही नहीं सकता है
लेकिन फिर भी बेखौफ तरीके से जिले के तीन दर्जन से अधिक लकड़ी माफिया सैकड़ो मजदूरों के साथ प्रतिदिन विभिन्न क्षेत्रों में हरे पेड़ों के कटान में लगे रहते हैं इतनी बड़ी संख्या में लकड़ी माफिया मजदूरों के साथ पेट्रोलिंग आरा मशीन लेकर हरे फलदार पेड़ को काटने में लगे होने के बावजूद वन विभाग से लेकर पुलिस तक कार्यवाही के नाम पर केवल औपचारिकता निभाती रह जाती है सब कुछ खुलेआम अवैध तरीके से हो रहा है कई दर्जन चिन्हित वाहन हरे पेड़ की लड़कियों को प्रतिदिन धोने में लगे हैं सब कुछ खुलेआम होने के बाद विभाग से लेकर पुलिस को कुछ नहीं दिखाई पड़ रहा है जिससे साठगांठ से इनकार नहीं किया जा सकता।
सूत्रों की माने तो आरा मशीन के अवैध संचालन में 8000 महीने से 12000 महीने तक थाना पुलिस और 15000 महीने वन विभाग के अधिकारी खुलेआम प्रति आरा मशीन से वसूली कर रहे हैं यदि आंकड़ों पर गौर करें तो डेढ़ करोड़ रुपए सालाना से अधिक की वसूली के चलते अवैध आरा मशीनों को नहीं बंद कराया जा रहा है जिससे हरे पेड़ के सामने गंभीर संकट उत्पन्न है एक तरफ योगी सरकार बृहद पौधारोपण करने पर जोर दे रही है पौधारोपण पर करोड़ों रुपए से अधिक की रकम प्रत्येक वर्ष खर्च की जा रही है दूसरी तरफ हरे पेड़ को कटवा करके पुलिस और वन विभाग के अधिकारी मालामाल हो रहे हैं अवैध आरा मशीनों के संचालन की सच्चाई जानने के लिए संदीपन घाट थाना क्षेत्र के अंतर्गत उजिहनी आइमा के कायामुद्दिनपुर गांव में चल रही।
अवैध आरा मशीन की हकीकत देखी गई तो मालूम चला कि आरा मशीन में अवैध तरीके से हरे पेड़ की लकड़ी का विद्याल भंडारण है और बेखौफ तरीके से आरा मशीन का संचालन हो रहा है तमाम आरा मशीन ऐसी है छोटी मशीन का लाइसेंस लेकर बड़ी मशीन लगाकर संचालन किया जा रहा है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी रोक लगाने का निर्देश कई वर्षों पहले दिया था लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन थाना पुलिस से लेकर वन विभाग के अधिकारी तक नहीं कर सके हैं 3 दर्जन लकड़ी माफिया बीते दो दशक से विभाग के गोद मे खेल रहे हैं मामले को लेकर शासन स्तर से यदि उच्च स्तरीय जांच हुई तो लकड़ी माफिया से पुलिस और वन विभाग के साठगांठ से चलने वाले खेल का खुलासा होना तय है।
About The Author
स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।
Related Posts
राष्ट्रीय हिंदी दैनिक स्वतंत्र प्रभात ऑनलाइन अख़बार
14 Dec 2025
13 Dec 2025
12 Dec 2025
Post Comment
आपका शहर
14 Dec 2025 22:42:57
School Holiday: साल के आखिरी महीने दिसंबर का दूसरा सप्ताह अब समाप्त होने जा रहा है। इसके साथ ही उत्तर...
अंतर्राष्ट्रीय
28 Nov 2025 18:35:50
International Desk तिब्बती बौद्ध समुदाय की स्वतंत्रता और दलाई लामा के उत्तराधिकार पर चीन के कथित हस्तक्षेप के बढ़ते विवाद...

Comment List