चाभाल साधन सहकारी कृषि समिति की जमीन पर काबिज भू माफिया से अवैध कब्जा छुड़ा  पाने में नाकाम जिला अधिकारी खीरी

भू माफिया और जिला प्रशासन सहित सहकारिता विभाग की जुगलबंदी से कराए गए चभाल सहकारी कृषि समिति लिमिटेड की सैकड़ो एकड़ जमीन के फर्जी बैनामे।

चभाल कृषि सहकारी समिति की 52 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा करके 43 वर्षों से समिति को करोड़ों का चूना लगा रहे भू माफिया प्रकाश गुप्ता।

लखीमपुर खीरी।  योगीराज में शायद नियम कानून गरीबों और मध्यम वर्गीय लोगों पर ही लागू होते हैं या फिर इन्हीं लोगों के लिए बने हैं यदि कोई गरीब अथवा मध्यम वर्ग का व्यक्ति एक छोटा सा छप्पर तक सरकारी जमीन पर डाल देता है तो पूरा राजस्व विभाग का अमला पुलिस दलबल के साथ जाकर उसका फूस का बना आशियाना ढहा कर समाचार पत्रों में बड़ा-बड़ा गुड वर्क छपवाकर अपनी पीठ थपथपा लेता है। 
 
लेकिन वही जब बड़े और साधन संपन्न रसूखदार भू माफियाओं का सैकड़ो एकड़ कृषि योग्य सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा हटवाए जाने का मामला आता है तो इनका अवैध कब्जा हटवाने की बजाय माफियाओं को बचाने में पूरा प्रशासन लग जाता है भूमाफिया को बचाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते हुए भू माफिया को अभयदान देने के रास्ते खोजे जाने लगते हैं। 
 
तहसील प्रशासन सहकारिता विभाग के आला हुक्मरानों सहित जिला प्रशासन वभू माफियाओं के बीच चल रही मिली भगत के चलते तहसील सदर क्षेत्र के अंतर्गत विकासखंड फुल बेहड़ के गांव बसैगापुर स्थिति चभाल साधन सहकारी कृषि समिति लिमिटेड के नाम दर्ज कागजात जमीन के 52 एकड़ जमीन पर कुख्यात भू माफिया द्वारा विगत कई वर्षों से कब्जा करके उसे पर कृषि कार्य किया जा रहा है जिससे समिति को प्रतिवर्ष करोड़ों का चूना लगाया जा रहा है। 
 
इतना ही नहीं प्रशासन व सहकारिता विभाग के जिम्मेदारों सहित सब रजिस्टार के साठ गांठ से फर्जी लोगों को खड़ा करके एक सोची समझी बड़ी साजिश के तहत सैकड़ो एकड़ जमीन के फर्जी बैनामा किए जाने का मामला जिले से लेकर राजधानी तक चर्चा का विषय बना है लेकिन जिला प्रशासन सहित ए आर कोऑपरेटिव को शायद यह सब दिखाई नहीं पड़ रहा है। 
 
उक्त फर्जी बाड़े के मामले के आरोपियों पर रिपोर्ट दर्ज कर पाने में ए आर कोऑपरेटिव व जिला अधिकारी खीरी पूरी तरह नाकाम साबित हो रहे हैं साथ ही साथ राजस्व अभिलेखों में दर्ज उक्त 52 एकड़ जमीन को अवैध कब्जा मुक्त कर पाने में पूरी तरह विफल साबित हो रहे हैं बताते चलें कि शायद जनपद खीरी में भूमाफियाओं की जड़ें इतनी गहरी और मजबूती से जमी है जिन्हे उखाड़ पाना योगी आदित्यनाथ के लिए मुश्किल साबित होते दिखाई पड़ रहा है। 
 
उपरोक्त मामले में भू माफियाओं और तहसील प्रशासन से लेकर जिले के आला हुक्मरानों व सहकारिता विभाग के ए आर साहब के बीच चल रही सेटिंग गेटिंग के चलते मंडल आयुक्त लखनऊ मंडल के आदेशों की खुले आम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं वहीं विभागीय एवं जिला प्रशासन द्वारा मिल रही संजीवनी के तहत भू माफियाओं के दिमाग सातवें आसमान पर देखे जा सकते हैं। 
 
उक्त भू माफिया जब चाहे जहां चाहे जिस तालाब सरकारी जमीनों में मरघट खलिहान शमशान चारागाह सहित ग्राम समाज व साधन सहकारी समिति की जमीनों को उसकी प्लाटिंग करके अथवा उसे जमीन पर कृषि कार्य करके करोड़ों की कमाई करते देखे जा रहे हैं इस अवैध कब्जे के विरुद्ध आज तक कोई कार्रवाई न किया जाना प्रशासन की साठ गांठ होने की बात को बल मिलता है। 
 
लिए हम आपको चभालसाधन सहकारी कृषि विकास समिति लिमिटेड की जमीन को खुर्द करके फर्जी लोगों को खड़ा करके बैनामा करा लेने के भारी भरकम मामले की रिपोर्ट न दर्ज किए जाने का मामला प्रशासन एवं ए आर कोऑपरेटिव की मिली भगत को दर्शाती है उक्त मामले में मंडल आयुक्त लखनऊ मंडल लखनऊ के संज्ञान में मामला आने पर तत्काल रिपोर्ट दर्ज कराए जाने के आदेश दिनांक 6 सितंबर 2023 को दिए गए थे परंतु आज 15 दिन बीतने के बाद भी दोषियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया जा सका है। 
 
जिला प्रशासन और भू माफिया के जुगलबंदी के तहत कमिश्नर के आदेशों का अतिक्रमण किया जा रहा है अब देखना यह है की ए आर कोऑपरेटिव व जिला अधिकारी खीरी साधन सहकारी कृषि विकास समिति लिमिटेड की जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त करते हैं तथा फर्जी बैनामा करानेक मामले में शामिल लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराते हैं या फिर दोषियों को अभय दान देने के लिए कोई नया रास्ता ढूंढ निकालते हैं।
 
 
 

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