पाकिस्तान के खास जिगरी दोस्त चीन ने CPEC  दिया जोड़कर झटका, ऊर्जा- जल क्षेत्र में विस्तार से भी काटी कन्नी

इंटरनेशनल न्यूज़ 
 
चीन ने अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर अपने खास दोस्त पाकिस्तान को करारा झटका दिया है। चीन ने CPEC के तहत ऊर्जा, जल प्रबंधन व जलवायु परिवर्तन के क्षेत्रों में पाकिस्तान को  किसी भी सहयोग में  विस्तार देने से इन्कार कर दिया है। नकदी और ऋण संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए चीन का यह फैसला काफी अहम और  संबंधों में दरार माना जा रहा  है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून  की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान ने बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर में आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्र की तैयारी का विरोध छोड़कर चीन की चिंताओं पर उसकी कई मांगों पर सहमति जताई थी।

60 अरब डॉलर की CPEC चीन के महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) की प्रमुख परियोजना है। जो बलूचिस्तान में ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिंजियांग प्रांत से जोड़ता है। इससे पहले भी पाकिस्तान और चीन के बीच परियोजना को लेकर अंतर्विरोध की खबरें आती रही हैं। बलूचिस्तान के लोग सीपीईसी के विरुद्ध लगतार विरोध करते रहे हैं। चीनी हैकर्स ने एक बार फिर अमेरिकी सुरक्षा में सेंध लगाई है. हैकरों ने इस बार अमेरिकी विदेश विभाग को निशाने पर लिया है। विदेश विभाग के IT अधिकारियों के मुताबिक, हैकर्स 10 ई-मेल अकाउंट्स से 60 हजार ईमेल डेटा चोरी करने में कामयाब रहे। 

रिपोर्ट में CPEC की 11वीं ज्वाइंट कोऑपरेशन कमेटी (JCC) के हस्ताक्षरित मिनट्स का हवाला देते हुए यह जानकारी दी गई है। बता दें कि JCC, CPEC का एक रणनीतिक निर्णय लेने वाला निकाय है। शहबाज सरकार की पहल पर इसकी वर्चुअल बैठक पिछले साल 27 अक्टूबर को हुई थी। इसमें कुछ प्रगति हुई थी। हालांकि, बैठक के मिनट्स पर नौ महीने बाद 31 जुलाई को हस्ताक्षर किए गए, जिसमें चीन के उप प्रधानमंत्री ही लीफेंग शामिल हुए थे। रोचक बात यह है कि पाकिस्तान द्वारा चीन से साझा किया गया फाइनल ड्राफ्ट और दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित फाइनल मिनट्स में कई अंतर थे।  

About The Author: Swatantra Prabhat UP