फर्जी खुलासा करने वाले एसओ समेत चार को लाइन हाजिर कर दिया।
सभी पर इंजन चोरी का फर्जी खुलासा कर तीन निर्दोषों को जेल भेजने का आरोप है।
स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो उन्नाव
एसपी सिद्धार्थ शंकर मीना की कार्रवाई से महकमे में हड़कंप मच गया है। थाना बारासगवर अंतर्गत इंजन चोरी की बढ़ती घटनाओं के बीच बारासागवर थाना के दारोगा रमेश चंद्र मालवीय व अन्य पुलिस कर्मियों ने इंजन चोरी के खुलासे का दावा करते हुए बताया गया था
कि एक लोडर से चोरी के दो इंजन बरामद हुए हैं। पुलिस के अनुसार धर्मेंद्र पुत्र पुरुषोत्तम निवासी नौगवां थाना महाराजपुर कानपुर नगर, रामबाबू पुत्र राम सहाय निवासी भीखीखेड़ा थाना बारासगवर उन्नाव और
मो. वकील पुत्र गरीबुद्दीन निवासी गांव मानपुर मछरिया कानपुर नगर हाल पता गांव टेढ़ा थाना बारासगवर को गढ़ेवा पुल के पास से गिरफ्तार किया गया था। तीनों को पुलिस ने जेल भेजा था।
पकड़े गए धर्मेंद्र के परिजनों ने मामले को फर्जी बता अपने क्षेत्रीय विधायक व विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की थी। उन्होंने आईजी लखनऊ जोन को मामले की जांच के आदेश दिये थे। गैर सर्किल के सीओ की जांच में पूरा मामला खुल गया। जिसके बाद एसपी ने पहले दारोगा को लाइन हाजिर किया।
Read More नहीं रुक रहा है ओवरलोड ओवर हाइट गन्ना ट्रकों का संचालन कभी घट सकती है बड़ी दुर्घटना प्रशासन मौनइसके बाद मामले में एसओ ब्रज मोहन सैनी की भी संलिप्तता मिलने पर एसओ को भी देर रात एसपी ने लाइन का रास्ता दिखा दिया। साथ ही खुलासे में शामिल रहे सिपाहियों असलम, समर बहादुर व निशांत को भी लाइन भेजा है। वहीं बारासगवर थाना की कमान दिलीप कुमार को दी गई है।

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