उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद कार्यालय लखनऊ मे पाठ्यक्रम समिति की आहुत बैठक

जे पी सिंह अध्यक्ष संस्कृतभारतीन्यास की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई।

उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद कार्यालय लखनऊ मे पाठ्यक्रम समिति की आहुत बैठक

उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद कार्यालय लखनऊ मे पाठ्यक्रम समिति की आहुत बैठक जे पी सिंह अध्यक्ष संस्कृतभारतीन्यास की अध्यक्षता मे सम्पन्न हुई। परिषद सचिव आर के तिवारी ने पूर्व निर्धारित कार्य सूची को निष्पादनार्थ प्रस्तुत करते हुए दीपक कुमार अतिरिक्त मुख्य सचिव के निर्देशानुसार पाठ्यक्रम विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तुत समस्त विषयों की विस्तृत समीक्षात्मक विमर्श करते हुए  छात्रों पर पाठ्यक्रम को संतुलित रूप से लागू करने  हेतू संस्तुति की।
 
परिषद की पाठ्यक्रम समिति ने प्रस्तुत  पूर्व मध्यमा,मध्यमा तथा उत्तर मध्यमा के विषयों के पाठ्यक्रम पर गहन विचार विमर्श उपरांत पाठ्यक्रम को स्वीकार करते हुए शिक्षण सत्र 2024 के लिए सर्वसम्मत से  हुए संशोधन/ परिवर्धन सहमति प्रदान की।
 
संस्कृत विद्यालयों मे कर्म काण्ड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र एवं योग विज्ञान मे एक वर्षीय डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालन हेतू शासन स्तर से विनियम प्रख्यापित हो जाने के फलस्वरूप विद्यालयों की मान्यता आवेदन पत्रों के लिए अनुमोदन के निर्णय पर संस्तुति की।
 
नव पाठ्यक्रम के अनुरूप विद्यालयों द्वारा प्रेषित विषय विकल्पों को भी स्वीकृत प्रदान किया। विनोद मिश्र  द्वारा चित्रकला विषय पर विमर्श उपरांत जे पी सिंह अध्यक्ष ने प्रस्तुत प्रपत्र अनुसार ही विकल्प स्वीकृत करते हुए परीक्षा विषयों की सर्वसम्मत से सहमति स्वीकार की।  हिन्दी विषय को नये पाठ्यक्रम अनुसार एक ही प्रश्न पत्र मे दो भागों "क" व "ख" मे समान अंको के साथ कराने हेतू सहमति प्रदान की साथ ही अनिवार्य संस्कृत, संस्कृत शास्त्र, संगीत विषय मे सौ पूर्णांक का एक ही प्रश्न पत्र निर्धारित करने निर्णय किया गया।
 
सचिव ने जे पी सिंह अध्यक्ष सहित उपस्थित सदस्यों ,सहकर्मियों को सकारात्मक विस्तृत विचार-विमर्श उपरांत नई शिक्षा नीति 2020 के अनुक्रम मे समस्त बिन्दुओं पर सहमति देने के लिए आभार व्यक्त करते हुए सूचित किया कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद प्रदेश मे शीघ्र ही "उत्तर प्रदेश संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा" करा कर जनपद स्तर पर संस्कृत को जन जन तक पहुंचाने हेतू सफल 2000
 
प्रतियोगियों को छात्र वृति से सम्मानित करते हुए प्रमाण पत्र प्रदान किए जाने की योजना से अवगत कराया। इस योजना को शीघ्र मूर्त रूप प्रदान किया जाएगा। जे पी सिंह ने भी संस्कृत शिक्षा परिषद द्वारा किए जा रहे नवाचार एवं संस्कृत शिक्षण प्रशिक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए सदस्यों की सकारात्मक भूमिका के लिए शुभकामनाए प्रदान की।

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