ओपीडी के अंदर से बाहर तक मेडिकल स्टोर के दलाल बने मुसीबत

इमरजेंसी के बाहर अराजकता फैलते है, मरीजों से करते खींचातानी

स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो नसीर ख़ान

उन्नाव उमाशंकर दीक्षित जिला अस्पताल में ओपीडी में बैठकर निजी मेडिकल स्टोर के दलाल बहुत सक्रिय है। इमरजेंसी और ओपीडी में आने वाले मरीजों को खुद दवाएं लिखते है

और अपनी दुकान में भरी रिबेट के साथ दवाइयां दिलाने का लालच देकर भेजते है लेकिन डिस्काउंट के नाम पर के नाम पर कुछ नहीं मिलता है।

ओपीडी और इमरजेंसी के बाहर दलालों की अराजकता देख कर मरीजों और उनके तीमारदारों में दहशत का माहौल रहता है। यह दलाल जबरन हाथ पकड़कर मरीज व उसे तीमारदारों को रोड के बाहर ले जाते है। 

ओपीडी में मरीजों में दहशत

जिला अस्पताल की ओपीडी में ज्यादातर लोग गांव देहात से आते है, या तो वो ज्यादा पड़े लिखे नहीं होते या उनको अपने मरीजों को यहां भर्ती करवाना होता है।

आकाश, लतीफ़, आशीष ऊर्फ छोटू,जैसे दलाल लोग इन गरीब मरीजों को खुद दवायें लिखते है दवाइयों में भारी डिस्काउंट का लालच देकर ओपीडी से बाहर लाकर उनसे पैसा वसूलते है। यह अवैध वसूली काफी दिनों से मरीजों के लिए दिक्कत बनी हुई है।

डॉक्टराें के कमरे में दलालों का कब्जा

आकाश, लतीफ़, आशीष ऊर्फ छोटू,जैसे दलाल ओपीडी में डॉक्टरों के बगल में बैठे रहते हैं। मरीजों को डॉक्टरों की मौजूदगी में खुद दवा लिखते है ताकि अगर कोई औचक निरिक्षण हो जाये

तो हैंड राईटिंग मिलान में सरकारी डाक्टरों की पकड़ न हो सके कोई पत्रकार या समाजसेवी द्वारा पूछे जाने पर ये दलाल मारपीट पर उतरु हो जाते है !

दलालों पर कार्रवाई करने से कतराते अधिकारी

सबसे हैरानी की बात कि अस्पताल मे सक्रिय मेडिकल स्टोरों के दलालों के बारे में सीएमओ व सीएमएस की जानकारी होने के बावजूद अस्पताल परिसर से ओपीडी मे मंडराते इन दलालों पर किसी प्रकार की कार्रवाई करने से कतराते है!

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