स्वतंत्र प्रभात
अतीक पर कुल 101 मुकदमें दर्ज
14 मुकदमों में गवाह पलटे तो 4 मामले सरकार ने वापस लिया, 50केश अभी भी विचाराधीन
माफिया अतीक अहमद को 44 वर्ष बाद किसी मामले में पहली बार सजा हुई है यह सजा उमेश पाल के अपहरण के मामले में दोष सिद्ध होने पर एमपी एमएलए की अदालत ने सुनाई ।साथ ही ₹ एक लाख का जुर्माना भी लगाया ।हालांकि इसी मामले में 7 अन्य नाम जद आरोपी सबूत के अभाव में बरी कर दिए गए। जिसमें अतीक अहमद का छोटा भाई अशरफ भी शामिल है ।
सजा पाने वालों में खान सौतल हनीफ तथादिनेश पाशी भी है। जिन्हे आजीवन कारावश की सजा दी गई। लेकिन इसी मामले में सात अन्य नामजद आरोपी जिसमें अशरफ फरहान जावेद आबिद इसरार आशिक एजाज और अख्तर सबूतों के अभाव में बरी कर दिए गए।
2006 में दर्ज हुआ था उमेश पाल के अपहरण का मामला
अतीक अहमद और दो अन्य लोगों को जिस मामले में सजा हुई है वह मामला 2006 में दर्ज हुआ था ।जिसमें उमेश पाल मृतक ने अतीक और उनके 10 गुर्गों पर या मुकदमा दर्ज कराया था और यह आरोप लगाया था कि उन्हें राजू पाल के हत्या में गवाही न देने के लिए अपहरण करके मारा पीटा गया और उत्पीड़न किया गया जिसके कारण से उसने उस मामले में लिखित रूप से केस को वापस लेने की अर्जी दी थी।उस समय समाजवादी पार्टी का शासन काल था लेकिन उसी के बाद बसपा की सरकार बनी और पुनः उमेश पाल ने इस मामले को दूसरी एफआईआर लिखकर जांच की मांग की।जिसमें पुलिस ने जांच पड़ताल करके आरोप पत्र दाखिल किया और 14 वर्ष बाद आज एमपी एमएलए कोर्ट ने उस मुकदमे में अतीक सहित दो अन्य लोगों को दोषी पाते हुए एक लाख जुर्माना के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
कड़ी सुरक्षा के बीच अतीक अहमद सहित सभी अभियुक्त अदालत में पेश
अदालत में पेश अदालत में पेश करने के लिए कल उत्तर प्रदेश की पुलिस ने गुजरात के साबरमती जेल से उन्हें हाई सिक्योरिटी के बीच 5:00 बजे सायंकाल नैनी जेल में दाखिल किया था ।और आज सुबह उन्हें अदालत में ले जाकर पेश किया अदालत में पेश करते समय वकीलों का भारी विरोध का सामना करना पड़ा और वकील अतीक के खिलाफ नारे लगाते हुए फांसी की सजा की मांग कर रहे थे ।एक अधिवक्ता वरुण गोपाल तो जूतों की माला लेकर के गए और चिल्ला चिल्ला कहे की सजा होने पर जूतों की माला पहनना चाहिए जिससे इसे याद रहे गुंडागर्दी और हत्या का परिणाम क्या होता है।
अतीक पर कुल 101 मुकदमे दर्ज
1979 मैं अतीक के ऊपर पहला मुकदमा दर्ज हुआ था लेकिन 44 वर्ष बाद पहली बार किसी मुकदमे में उनको यह सजा हुई है बताया जाता है कि 101 दर्ज मुकदमों में 14 मुकदमों में गवाह मुकर गए 4K सरकार ने वापस ले लिए और 12 मामलों में ट्रायल ही नहीं हुआ और 16 मुकदमों में सबूतों के अभाव में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी
लेकिन 50 केस अभी भी अदालतों में चल रहे हैं जिसमें पहले मुकदमे में आज सजा हुई है।
मुकदमे में बरी होने से अशरफ खुश
अतीक के साथ उसका छोटा भाई भी इस मुकदमे में नामजद आरोपी था लेकिन ट्रायल के दरमियान उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिल पाया जिससे उसे निर्दोष साबित करते हुए अदालत ने बरी कर दिया बरी होने पर उसके चेहरे पर मुस्कान देखी गई और वह कचहरी में अपने वकीलों से प्रसन्न होकर के बात करते हुए देखा गया।
सजा होने के बाद अतीक अहमद को पुणे साबरमती जेल में वापस कर देने का आदेश जारी हुआ और उसके भाई को बरेली जेल में वापस भेज दें की तैयारी पुलिस ने कर दी यहां यह भी बता दें कि अतीक अहमद में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके यह आशंका व्यक्त की थी उसे साबरमती जेल में ही रखा जाए क्योंकि उत्तर प्रदेश की जेल में उसे खतरा है और उसकी हत्या कराई जा सकती है सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को हाई कोर्ट में जाने के लिए कहा था हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहले भी साबरमती जेल में अतीक अहमद को शिफ्ट किया गया था जिसको एक निर्देश मानते हुए अतीक को साबरमती जेल भेजे जाने की तैयारी चल रही थी और उसके भाई अशरफ को बरेली जेल से यहां ले आ गया था उसे बरेली जेल में वापस कर दिया गया।
अदालत के आदेश आने पर महेश पाल की मा ने क्या कहा
आज जब अतीक अहमद को आजीवन कारावास की सजा के फैसले की जानकारी उमेश पाल की मां को शांति देवी पाल को दी गई तो उन्होंने मीडिया से कहा कि मेरा लड़का शेर की तरह अतीक से लड़ा और झु का नहीं अतीक को तो फांसी की सजा होनी चाहिए थी वही उसकी पत्नी जया पाल ने कहा कि मुझे अदालत के फैसले पर कुछ नहीं कह ना है लेकिन मुझे अतीक और उसके गुंडे जब तक जिंदा है परिवार को खतरा है उसने कहा कि मुख्यमंत्री योगी जी मेरे पिता के समान हैं और मुझे उम्मीद है कि मेरे परिवार पर ध्यान देंगे और रक्षा करेंगे।
शासकीय अधिवक्ता ने सजा पर क्या कहा
अपना कांड उमेश पाल अपहरण कांड के इस मामले में फैसले के बाद मीडिया को जिला शासकीय अधिवक्ता ने बताया अतीक अहमद को धारा 36a/34/120 341342504506(7क्रिमिनल मेंटेक अमेंडमेंट एक्ट केतात आजीवन शश्रम कारावास तथा एक लाख का जुर्माना लगाया गया है वही हनीफ और दिनेश पासी को धारा 364/120के तहत सजादी गई है।