उप निरीक्षक दिनेश तिवारी के लिए अपराधी के बोल ही न्यायालय का आदेश

अपराधी मोनू उर्फ़ संदीप रस्तोगी सीतापुर कोतवाली में सात मुकदमे दर्ज़ उप निरक्षक दिनेश तिवारी के नज़र में अपराध के श्रेणी में नहीं आता

उप निरीक्षक दिनेश तिवारी के लिए अपराधी के बोल ही न्यायालय का आदेश

कोहना पुलिस चौकी पर अपराधी जो कहे वह सत्य, पीड़िता जो कहे वह झूठ
 
स्वतंत्र प्रभात 
 
सीतापुर -पुलिस विभाग सरकार का एक महत्वपूर्ण विभाग है पुलिसकर्मी कानून और व्यवस्था का संरक्षक होता है वह असामाजिक तत्वों के लिए आतंक का पर्याप्त होता है पुलिस का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है अपराध को रोकना और जनता की सुरक्षा करना पुलिस अपराध घटित होने के पश्चात यह पता लगाने की कोशिश करती है कि अपराध का वास्तविक दोषी कौन है भारत में कुछ पुलिस वाले अपने आप को अधिकारी समझते हैं न की जनता का सेवक वह मुसीबत में किसी की मदद करना अपना कर्तव्य नहीं समझते हैं  पुलिस विभाग में भी भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा चुका है कुछ पुलिसकर्मी कर्तव्यपरायण और इमानदार नहीं है वे भौतिक सुखों के लिए अपने कर्तव्यों से विमुख हो जाते हैं कभी-कभी वह सामाजिक तत्वों के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करते हैं और इस तरह समाज की शांति और सद्भाव को बिगड़ते हैं ऐसे पुलिसकर्मी पुलिस विभाग को शर्मसार करते हैं ऐसा ही एक मामला जनपद सीतापुर का है आपको बताते चलें कि जनपद सीतापुर के मोहल्ला दुर्गा पुरवा में संदीप रस्तोगी उर्फ मोनू रस्तोगी पुत्र राम प्रसाद रस्तोगी निवासी मोहल्ला दुर्गा पुरवा जनपद सीतापुर विपक्षी ने 04-07-2009 को सोनिया (काल्पनिक नाम) पीड़िता के घर वालों को झांसा देकर विवाह कर लिया था लेकिन कुछ ही दिन बाद विपक्षी को किसी अपराध में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था
 
 
 
तब पीड़िता को इस अपराधी के बारे में जानकारी हुई कि विपक्षी कई बार जेल जा चुका है जब विपक्षी जेल से छूट कर आया तो पीड़िता को प्रताड़ित करने लगा तथा शराब के नशे में मारता पीटता व जान से मारने की धमकी देता तब पीड़िता किसी प्रकार अपनी जान बचाकर अपने मायके लखनऊ चली गई विपक्षी द्वारा मिन्नतें करने व हाथ पैर जोड़ने से एक बार फिर पीड़िता के घर वालों ने पीड़िता को विपक्षी संग सीतापुर विदा कर दिया लेकिन विपक्षी की आदतों में कोई सुधार नहीं हुआ वह शराब के नशे में पीड़िता को मारता पीटता था  पीड़िता अपनी जान बचा कर फिर एक बार अपने मायके लखनऊ चली आई इस प्रकार 3 माह का समय बीत गया था तब से लगभग 14 वर्ष का समय बीत गया है पीड़िता अपने मायके में रहती है और विपक्षी से किसी प्रकार का लेना देना नहीं है विपक्षी एक शातिर अपराधी है जिस पर कई केस दर्ज हैं विपक्षी बार-बार फोन करके पीड़िता को मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है जिसकी शिकायत पीड़िता ने आईजीआरएस मुख्यमंत्री पोर्टल पर की जिस पर दिनांक 2 अप्रैल सन 2022 को उप निरीक्षक दिनेश तिवारी प्रभारी चौकी कोहना कोट सीतापुर के द्वारा जांच आख्या लगाई गई कि विपक्षी संदीप रस्तोगी उर्फ मोनू रस्तोगी को दिनांक 26 मार्च सन 2022 को मुकदमा अपराध संख्या 133/2022 धारा 25 (1 बी) ए एक्ट में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। जब विपक्षी जेल से वापस आया तो पीड़िता को फिर से फोन पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगा और कहने लगा कि अगर तुम मेरे पास वापस नहीं आओगी तो मै तुम्हारे ऊपर तेजाब डाल दूंगा तब तुम कहीं की नहीं रहोगी तुम मेरा कुछ भी बिगाड़ नहीं सकती मेरी पुलिस से सांठगांठ है पुलिस मुझ पर कोई कार्यवाही नहीं करेगी इस पर परेशान होकर पीड़िता ने एक बार फिर से आईजीआरएस मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की जिस पर एक बार फिर दिनांक 31 दिसंबर सन 2022 को उपनिरीक्षक चौकी प्रभारी दिनेश तिवारी द्वारा विपक्षी की हमदर्दी जताते हुए गलत आख्या लगाया।  आंख्या में यह दर्शाया है कि पीड़िता द्वारा वर्ष 2019 में माननीय न्यायालय प्रधान न्यायधीश पारिवारिक न्यायालय लखनऊ मे अंतर्गत धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता का मुकदमा अपराध संख्या 1149/2018 श्रीमती अनीता बनाम मोनू योजित किया गया था जिसमें माननीय न्यायालय द्वारा उपरोक्त मुकदमा खारिज करते हुए फैसला विपक्षी के पक्ष में सुनाया गया। जबकि माननीय न्यायालय द्वारा कोई भी आदेश विपक्षी के पक्ष में नहीं हुआ है बल्कि आगामी माह फरवरी 2023 की दिनांक 13 को पेशी लगी हुई है आदेश के संबंध में उपनिरीक्षक दिनेश तिवारी के पास क्या कोई आदेश सुरक्षित है जिसे देखते हुए यह अख्यां लगाई गई है और यह भी आंख्या में लिखा गया की विपक्षी फोन पर हाल-चाल लेने हेतु पीड़िता के फोन पर फोन करता है ना की किसी प्रकार की धमकी विपक्षी द्वारा दी जाती है और यह भी लिखा गया कि विपक्षी शीशा फैक्ट्री सिटी स्टेशन रोड में मजदूरी कर अपना जीवन ज्ञापन कर रहा है तथा विपक्षी की मां का निधन हो चुका है व बाप नेत्रहीन हो गया है जिसकी देखरेख के लिए विपक्षी पीड़िता को अपने घर लाना चाहता है परंतु आवेदिका आने को तैयार नहीं है तथा पीड़िता अपने मायके से ही विपक्षी पर निरर्थक आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र प्रेषित कर रही है तथा पुलिस द्वारा समझाने पर भी की गई जांच से सहमत नहीं है सोचने वाली बात यह है कि यह अख्यां वही उप निरीक्षक दिनेश तिवारी द्वारा लगाई जा रही है जिसने दिनांक 15- 11- 2021 को आबकारी एक्ट व दिनांक 26-3-2022 को  अपराध संख्या 25 (1बी) एक्ट मे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उपनिरक्षक दिनेश तिवारी जी को क्या इस बारे में जानकारी नहीं कि विपक्षी एक शातिर अपराधी है क्या कोई अपराधी के साथ अपनी बेटी या बहन को  जीवन गुजारने को कह सकता है यही नहीं विपक्षी को दिनांक 07-04-2021 मे धारा 25 (1 बी) एक्ट  में तथा दिनांंक 30-01-2021 को धारा 323, 504, 506, 341 व दिनांक 19-03-2019 में धारा 25 (1बी) एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। सवाल यह उठता है कि ऐसे अपराधी के साथ कौन सी महिला जीवन यापन करनेेेे के लिए तैयार होगी। पीड़िता द्वारा वर्ष 2019 में तलाक का भी वाद दायर किया गया था लेकिन स्वास्थ्य ठीक ना होने व कोरोना काल के कारण पीड़िता द्वारा वाद की पैरवी नहीं की जा सकी। पुनः दिनांक 09-01-2023 को श्रीमान जी के न्यायालय में तलाक का वाद योजित किया गया है। शीघ्र ही बाद का निस्तारण हो जाएगा।
 
 
जानिए इस संबंध में जब उपनिरीक्षक दिनेश तिवारी से जानकारी ली गई तो क्या कहा
 
 
उप निरीक्षक दिनेश तिवारी ने जानकारी दी कि विपक्षी संदीप रस्तोगी उर्फ मोनू केवल बच्चे का हाल-चाल लेने के लिए पीड़िता के पास फोन करता है क्या अपराधी के कोई परिवार नहीं होता हैं। आख्या में मैंने उसके पिता के बताने पर लिख दिया है कि विपक्षी के पक्ष में आदेश हो गया है जब दिनेश तिवारी जी से यह जानकारी ली गई कि आपके पास इस संबंध में न्यायालय का कोई आदेश है तो उन्होंने कहा मेरे पास कोई आदेश नहीं है और उन्होंने बताया कि मैं विपक्षी के विरुद्ध क्या कार्रवाई कर सकता हूं अधिक से अधिक 107/ 16 की कार्रवाई कर सकता हूं अचंभे की बात यह है कि यह बात वह व्यक्ति कह रहा है जिसने स्वयं विपक्षी के विरुद्ध दो बार कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर जेल भेजा है क्या दिनेश तिवारी जी को यह जानकारी नहीं कि विपक्षी संदीप उर्फ मोनू रस्तोगी के विरुद्ध सीतापुर कोतवाली में सात- सात मुकदमे दर्ज हैं। जब कानून का रखवाला ही अपराधियों को छत्रछाया देने लगेगा तो क्या इस प्रदेश में कोई सामान्य व्यक्ति सुरक्षित रह सकता है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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