हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र को न उजाड़ने की मांग को लेकर उत्तराखंड मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा

पुरनपुर तहरीक ए तहफ्फुजे सुन्नियत टी टी एस ने मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन

हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र को न उजाड़ने की मांग को लेकर उत्तराखंड मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा

स्वतंत्र प्रभात-
 
पूरनपुर,पीलीभीत हल्द्वानी के वनभूलपुरा में रेलवे भूमि पर बसे लोगों को उजाड़ने से बचाने की मांग को लेकर ऑल इंडिया तहरीक ए तहफ्फुजे सुन्नियत (टीटीएस)संस्था ने की है।इस जटिल समस्या का समाधान निकालने की अपील की गई है।मंगलवार को टीटीएस के उपतहसील अध्यक्ष नदीम खां के नेतृत्व में उत्तराखंड मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन एसडीएम पूरनपुर को सौंपा गया।
 
ज्ञापन में कहा गया वनभूलपुरा रेलवे भूमि प्रकरण की बात एक दो घरों की नहीं,हजारों घरों और 50 हजार लोगों के जीवन से जुड़ी है।इस समय वनभूलपुरा में हाहाकार मचा है।कहा कि 50 सालों से हल्द्वानी शहर की रौनक व खुशहाली में इस क्षेत्र के लोगों ने चार चांद लगाये हैं।अब इस प्रकरण में इनके जीवन की डोर मुख्यमंत्री के फैसले पर अटकी है।आपके द्रारा इस जटिल समस्या का समाधान निकाला जाए।वहा के निवासियों ने बताया साल 2016 में सरकार ने इस भूमि को नजूल की माना था। उनका सवाल है कि 6 साल पहले जो ज़मीन राज्य सरकार के नियंत्रण में थी,वह अब रेलवे की कैसे हो गई।
 
हालांकि इसके बाद रेलवे ने अपना दावा और बढ़ा दिया।पहले रेलवे अपनी 29 एकड़ ज़मीन पर अतिक्रमण बता रहा था।बाद में उसने अतिक्रमण की जद में आई भूमि का रकबा 78 एकड़ बताना शुरू कर दिया। पहले जब 29 एकड़ में अतिक्रमण की बात कही जा रही थी,तब उसमें वनभूलपुरा की गफूर बस्ती और ढोलक बस्ती ही आ रही थी।लेकिन,अब 78 एकड़ के दायरे में बहुत बड़ी आबादी आ गई है।हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन यहां रहने वालों को बेदखल करने की तैयारी में जुटा है।रेलवे ने सुनवाई के नाम पर महज खानापूर्ति की।उनका पक्ष कायदे से नहीं सुना गया।सरकार को चाहिये बीच का रास्ता निकाला चाहिये जिससे लोग बेघर न हो सके। इस जटिल समस्या का समाधान निकाला जाए।

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