बुखार से एक ही परिवार के तीन बच्चों की हुई मौत, परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप
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स्वतंत्र प्रभात
उन्नाव। पुरवा कस्बे के दलीगढ़ी मोहल्ले में पिछले चार दिनों में एक ही परिवार के तीन बच्चों की बुखार से मौत हो गई। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। डिप्टी सीएमओ, डब्ल्यूएचओ सर्विलांस टीम समेत सीएचसी की टीम ने पीड़ित के घर पहुंचकर जांच शुरू की। मोहल्ले के आधा दर्जन से ज्यादा बुखार से पीड़ित बच्चों की जांच की और उन्हें दवा दी। साथ ही उनके ब्लड सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा।
वहीं, टीम ने दो बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराने के निर्देश दिए हैं। कस्बे के दलीगढ़ी निवासी इश्तियाक का 10 वर्षीय बेटा ऐहतिशाम व भाई रियाज का 5 वर्षीय बेटा कामिल व डेढ़ वर्षीय बेटी अनाबिया को लगभग एक सप्ताह पहले बुखार आया था। इन तीनों बच्चों का इलाज सीएचसी पुरवा पर चल रहा था। परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने बुखार की दवा दी। इसके बाद बच्चों को घर ले आए।कुछ दिनों पहले अनाबिया अपने ननिहाल पारा थाना मौरावां चली गई, जबकि अन्य दोनों बच्चे घर पर ही थे। 12 दिसंबर यानी सोमवार को ऐहतिशाम को तेज बुखार था, देर रात उसकी मौत हो गई।
जबकि अगले ही दिन 13 दिसंबर को कामिल की भी मौत हो गई। दो मौतों की सूचना मिलते ही स्वास्थ्य विभाग मे हड़कंप मच गया। वहीं पारा अपने ननिहाल गई अनाबिया की हालत खराब होने पर ननिहाल से घर दलीगढ़ी पुरवा लाया गया। यहां पर गुरुवार को अनाबिया की भी मौत हो गई। जानकारी होने पर डिप्टी सीएमओ जेआर सिंह, डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस मेडिकल ऑफिसर स्वेतांश समेत सीएचसी की पूरी टीम पीड़ित के घर पहुंची। टीम की जांच में मोहल्ले के बच्चे उजैफ, शमरीन, आसरा, आसिफ, जुनैरा, बानी आदि को बुखार होने पर दवा दी है।
वहीं, दो और बच्चों में बुखार व लाल चेचक के दाने होने पर टीम ने बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजने की सलाह दी, लेकिन परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराने से मना कर दिया है। बता दें कि तीनों बच्चों के शवों को मोहल्ला दलीगढ़ी स्थित कब्रिस्तान में दफन कर दिया गया है। परिजनों ने पुलिस से अभी तक कोई भी शिकायत नहीं की है। परिजनों ने बात करने से भी मना कर दिया है। सीएचसी अधीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि बुखार आने व चेचक के दाने निकलने की सूचना मिली थी। जिस पर पीड़ित के घर पहुंच ब्लड का सैंपल लिया गया और दवा दी गई है। कहा कि टीम गठित कर पूरे मोहल्ले वासियों की जांच कराई जाएगी।
मृतक एहतिशाम के पिता इश्तियाक ने जांच टीम के सामने ही सीएचसी के डॉक्टरों पर लापरवाही कर इलाज करने का आरोप लगाया। मृतक के पिता का कहना था कि अगर इतनी गंभीर बीमारी थी तो सिर्फ डॉक्टरों ने खानापूर्ति करते हुए बुखार की ही दवा क्यों दी। पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
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