डॉ. अम्बेडकर न होते तो हम कभी सामाजिक रूप से आजाद नहीं होते- दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ लक्ष्मण यादव

डॉ. अम्बेडकर न होते तो हम कभी सामाजिक रूप से आजाद नहीं होते- दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ लक्ष्मण यादव

डॉ. अम्बेडकर न होते तो हम कभी सामाजिक रूप से आजाद नहीं होते- दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ लक्ष्मण यादव


शाहजहांपुर। 

भारतीय बौद्ध महासभा उत्तर प्रदेश द्वारा गांधी भवन प्रेक्षाग्रह शाहजहांपुर में आयोजित धम्म मैत्री सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ लक्ष्मण यादव ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि डॉ अम्बेडकर न होते तो देश के पिछड़े और अनुसूचित वर्ग के लोग कभी सामाजिक रूप से आजाद नहीं होते। उन्होंने कहा विश्व स्तर पर डॉ अंबेडकर ने उच्च शिक्षा हासिल कर भारतीय वंचित लोगों को सामाजिक आर्थिक राजनीतिक सभी तरह के अधिकार दिलाए। 

डॉ यादव ने संम्बोधित करते हुए कहा कि हम सब का कर्तव्य है अंधविश्वास आडम्बर से दूर रहकर अपने बच्चों को उच्च शिक्षित बनाएं और समाज के विकास में अपना योगदान दें।  इस अवसर पर प्रवचन करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ के असिस्टेंट प्रोफेसर भंते डा.उपनंद थेरो ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति सम्यक संकल्प से ही सुगति को प्राप्त कर सकता है इसलिए आज भी तथागत बुद्ध की शिक्षाएं विश्व के लिए प्रासंगिक हैं। उपनंद ने आगे  कहा कि यदि हम शीलों का पालन नहीं करेंगे तो न तो कोई लक्ष्य हासिल होगा और न ही सुखमय जीवन व्यतीत कर पायेंगे। 

जिलाध्यक्ष बलवीर सिंह गौतम की अध्यक्षता एवं महामन्त्री के के सिंह बौद्ध के संचालन में सम्पन्न हुए समारोह में डॉ. ओ.पी.गौतम, डा कमलेश गौतम, मीना गौतम, अनुज प्रभा , ज्ञानेन्द्र सिंह मौर्य एडवोकेट, महेन्द्र सिंह, दिनकर, रामसागर यादव  आदि ने अपने विचार व्यक्त किए। समारोह को सफल बनाने में  डॉ.पवन सिंह दिनकर, सियाराम सिंह धानिया, खुशीराम बौद्ध, सुरेश बाबू बौद्ध , लाल बहादुर , नरेन्द्र पाल सिंह,रामप्रसाद बौद्ध,रामप्रसाद आजाद,मलिखान सिंह दिनकर, जागेश्वर लाल, शिक्षक राम सिंह आदि ने अपनी महती भूमिका निभाई।

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