UP बिधान सभा चुनाव ब्राह्मण मतदाताओं को साधने में लगी पार्टियां, जानें क्यों है खास ये वोट बैंक

UP बिधान सभा चुनाव ब्राह्मण मतदाताओं को साधने में लगी पार्टियां, जानें क्यों है खास ये वोट बैंक

UP बिधान सभा चुनाव ब्राह्मण मतदाताओं को साधने में लगी पार्टियां, जानें क्यों है खास ये वोट बैंक

 


 

उत्तर प्रदेश में अगले साल यानी 2022 में विधानसभा चुनाव है. चुनाव से पहले ब्राह्मण मतदाताओं को रिझाने की होड़ मची है. बसपा प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन कर रही है. कांग्रेस व सपा भी जोर आजमाइश में लगी है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय मेडिकल कॉलेज सिद्धार्थनगर का लोकार्पण करवाकर भाजपा ने चुनावी दौड़ में आगे निकलने का दम भरा है. वहीं, कांग्रेस इस बात पर फोकस कर रही है कि उसी ने अंतिम ब्राह्मण सीएम दिया था.

कांग्रेस ने दिए ये ब्राह्मण सीएम

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव 2022 सिर पर हैं. ऐसे में अब कांग्रेस यूपी में अपनी खोई हुई जमीन ढूंढने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस के प्रति ब्राह्मणों के समर्थन को ऐसे समझा जा सकता है कि राज्य के सभी पांच ब्राह्मण मुख्यमंत्री कांग्रेस से रहे हैं. इनमें गोविंद वल्लभ पंत, राज्य के पहले मुख्यमंत्री थे. इनके अलावा कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, एनडी तिवारी और श्रीपति मिश्रा है. यही वजह है कि कांग्रेस इसपर बहुत बल दे रही है और सपा इस पर सवाल खड़े कर रही है.

भाजपा ने ब्राह्मण समाज में दिया बड़ा संदेश

भगवान बुद्ध की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वांचल और यूपी के ब्राह्मण मतदाताओं को साध गए. पीएम मोदी ने सिद्धार्थनगर में माधव प्रसाद त्रिपाठी राजकीय मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण करके ब्राह्मण समाज में बड़ा संदेश दिया. हालांकि, भाजपा इसको राजनीतिक नफा नुकसान समझ संभलकर समाज से जोड़ रही है.

"यूपी में ब्राह्मणों को किसी ने सम्मान दिया तो वो कांग्रेस है"

कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने यूपी में ब्राह्मणों को किसी ने सम्मान दिया तो वो कांग्रेस ने दिया. हमने 5-5 सीएम दिए. आज बीजेपी सरकार में ब्राह्मण के ऊपर अत्याचार हुआ. उनकी सोच में ब्राह्मण विरोध है. 2022 में ब्राह्मण समाज ही बीजेपी का सफाया कर देगी. वहीं, भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि बीजेपी जाति के आधार पर राजनीति नहीं करती है. समाज के अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति तक विकास पहुंचे उसके लिए काम करती है. हमारा मूल मंत्र है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास. इसी मूलमंत्र के आधार पर पर केंद्र और राज्य की सरकार चल रही है.  


ब्राह्मण वोट बैंक पर सबकी नजर

राज्य के सवर्णों की बात करें तो इनकी संख्या 19 फीसदी के आसपास है. इनमें ब्राह्मण सबसे ज्यादा प्रभावी हैं. पश्चिमी यूपी के वोटरों में इनकी संख्या 20 फीसदी की है, जबकि कुल आबादी 12 फीसदी के आसपास है. यही वजह है कि अब इस वोट बैंक पर सबकी नजर है.  

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