पंजाब में कैप्टन लेकर ही मानेंगे अपमान का बदला ? नई पार्टी और भाजपा से गठबंधन !

पंजाब में कैप्टन लेकर ही मानेंगे अपमान का बदला ? नई पार्टी और भाजपा से गठबंधन !

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से 'अपमान' का बदला लेने के मूड में दिख रहे हैं।

पूर्व सीएम कैप्टन ने गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल के साथ अपनी हालिया बैठकों के बाद उनकी सोच से अवगत लोगों द्वारा हिंदुस्तान टाइम्स के साथ साझा की गई जानकारी की न तो पुष्टि की और न ही खंडन किया। हालांकि, इस मामले से परिचित लोग यह नहीं बता सके कि क्या कैप्टन और भाजपा के बीच प्रस्तावित गठजोड़ केंद्र सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों पर गतिरोध को तोड़ने के लिए कदम उठाने पर आधारित होगा, जो राज्य में एक बेहद भावनात्मक मुद्दा है और मौजूदा वक्त में भाजपा के लोकप्रिय आधार को कमजोर कर दिया है।


पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस से 'अपमान' का बदला लेने के मूड में दिख रहे हैं। कांग्रेस से अलग होने का ऐलान कर चुके पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह अब अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी शुरू करने के लिए तैयार हैं और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन या सीट एडजस्टमेंट पर भी विचार कर सकते हैं। इस मामले से परिचित लोगों ने इस बात की जानकारी दी।

दरअसल, कैप्टन ने कांग्रेस आलाकमान के कहने पर 18 सितंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने अपनी नाराजगी खुलकर जाहिर की थी और कहा था कि पार्टी में मेरा अपमान हुआ। उन्होंने कहा था कि जब मेरे जैसे सीनियर नेता का पार्टी में इस तरह अपमान हो रहा है तो आम कार्यकर्ताओं के साथ कैसा होता होगा। इतना ही नहीं, कैप्टन ने कल भी जब कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया तो उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस छोड़ रहा हूं क्योंकि मैं अपमान नहीं सह सकता।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बात से इनकार किया कि यह बात सार्वजनिक होने के बाद कि वह इस्तीफा देंगे, कांग्रेस की ओर से किसी ने उनसे संपर्क किया है। मगर पार्टी के एक सीनियर पदाधिकारी ने खुलासा किया कि (कैप्टन की मीडिया रिपोर्टों के जवाब में कि वह अपमानित महसूस कर रहे हैं) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें यह बताने के लिए संदेश भेजा है कि वह उनके अच्छे होने की कामना करती हैं और सोनिया गांधी का ऐसा इरादा बिल्कुल नहीं था, जैसा कैप्टन महसूस कर रहे हैं। सोनिया गांधी ने कथित तौर पर कहा कि उनका यह तरीका नहीं है और वह अपने साथियों और अपने लोगों को अपमानित करने का ऐसा इरादा बिल्कुल नहीं रखतीं।

इन अटकलों के बीच कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केवल इतना कहा कि वह मीडिया के बयानों के माध्यम से राजनीति करने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'मैं मैदान में, लोगों की अदालत में अपनी लड़ाई लड़ूंगा।' उन्होंने कहा कि वह फिर से दिल्ली की यात्रा करेंगे और कांग्रेस के वरिष्ठ असंतुष्ट नेताओं (जिन्हें जी-23 के रूप में जाना जाता है) के साथ मुलाकात करेंगे, जो पार्टी की जर्जर स्थिति को लेकर परेशान हैं।

तकनीकी तौर पर कैप्टन अमरिंदर अभी भी कांग्रेस में हैं, मगर उन्होंने कहा है कि उनका पार्टी में बने रहने का कोई इरादा नहीं है। माना जा रहा है कि कांग्रेस से औपचारिक रूप से विदाई तब हो सकती है, जब उनकी राजनीतिक योजनाएं पूरी हो जाएंगी। उन्होंने कहा, 'मैं जी-23 को सोशल मीडिया पर चिंता व्यक्त करने के बजाय मैदान में उतरने और लोगों तक पहुंचने के लिए कहने जा रहा हूं।' बता दें कि जी-23 समूह के ज्यादातर नेता संगठन और नेतत्व में बदलाव चाहते हैं न कि पार्टी से बाहर निकलने का रास्ता।

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