मतगणना एजेंट हेतु जमा हुए फार्म प्रत्याशी समर्थकों का लगा जमावड़ा

स्वतंत्र प्रभात फूलपुर प्रयागराज-फूलपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत विकास खण्ड फूलपुर व सहसों कार्यालय पर 29 अप्रैल बुधवार को एजेंट मतगणना बनाने के लिए प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ विकास खण्ड कार्यालय पहुंचकर अपने अपने एजेंट का फार्म जमा किया। वहीं कुछ प्रत्याशियों में असमंजस बना रहा कि कितने एजेंट बनाए जाएं कि प्रत्येक काउंटर

स्वतंत्र प्रभात
फूलपुर प्रयागराज-फूलपुर तहसील क्षेत्र अंतर्गत विकास खण्ड‌ फूलपुर व सहसों कार्यालय पर 29 अप्रैल बुधवार को एजेंट मतगणना बनाने के लिए प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ विकास खण्ड कार्यालय पहुंचकर अपने अपने एजेंट का फार्म जमा किया। वहीं कुछ प्रत्याशियों में असमंजस बना रहा कि कितने एजेंट बनाए जाएं कि प्रत्येक काउंटर पर मतगणना की सही जानकारी मिलने के साथ ही मतगणना सुचारू रूप से संपन्न हो जाए। वहीं इसके लिए सहसों वार्ड नं० 02 के एक जिलापंचायत प्रत्याशी पति ने कार्यालय पर पहुंचकर जानकारी के अभाव में 20 से 22 एजेंटों का फार्म तैयार करके जमा करने आया था। इसी क्रम में सही जानकारी न मिलने पर किसी प्रत्याशी ने 9 फार्म तो किसी ने 7 फार्म, किसी ने 5 फार्म, तो किसी ने 4 फार्म लेकर पहुंचे। वहीं बनाए गए नियम व निर्देशों के आधार पर मतगणना एजेंट के फार्म जमा किए गए। आगामी 2 मई 2021 को मतगणना होनी है जिसके लिए 29 अप्रैल को सभी प्रधान प्रत्याशी, क्षेत्रपंचायत प्रत्याशी, व जिलापंचायत प्रत्याशी मतगणना के लिए अपने अपने क्षेत्रों में मतगणना एजेंट बनाने के लिए फार्म लेकर पहुंचे और नियमों के अनुसार फार्म जमा किया। वहीं विकास खण्ड कार्यालय सहसों के इर्द गिर्द काफी समय से सब चक्कर काटते नजर आए वहीं अंत में फार्म जमाकर वापस लौट आए।
वहीं अंत तक देखा गया कि सहसों विकास खण्ड कार्यालय पर कोई भी जिम्मेदार नहीं रहे जो सही जानकारी दे सके। मतगणना और एजेंट के विषय में जानकारी न होने पर सभी परेशान रहे। काफी प्रत्याशी तो ऐसे भी रहे जो कि कोविड 19 की जांच रिपोर्ट के लिए परेशान रहे तो कुछ लोगों ने जुगाड़ लगाकर सौ से दो सौ रुपए तक की रकम देकर दलालों के माध्यम से रिपोर्ट बनवाकर कोविड रिपोर्ट की भी छायाप्रति संलग्न करके फार्म जमा किया। कोविड 19 की रिपोर्ट के लिए दलालों की भी अच्छी खासी धन‌‌‌ उगाही चलती रही। दलालों की बात की जाए तो चुनाव प्रक्रिया के शुरुआत से ही नोड्यूज बनवाने जैसी समस्याओं के चलते धनउगाही का खेल शुरू किया जो कि मतगणना एजेंट के लिए कोविड 19 की रिपोर्ट तक चलता रहा।

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