अपने काम का भरोसा इतना कि मतदान के दिन भी भर रहे थे खर्राटे 

स्वतंत्र प्रभात मिल्कीपुर, अयोध्या। विकास खंड के रामपुर गौहनिया गांव के प्रधान प्रतिनिधि गुरुदीन रावत को अपने किए गए विकास कार्य पर इतना भरोसा था कि वह मतदान के दिन पोलिंग स्टेशन तक नहीं गए। पत्रकारों की एक टीम जब रामपुर गौहनिया पोलिंग स्टेशन पहुंची तो देखा कि पिछले 25 वर्षों से गांव का प्रतिनिधित्व

स्वतंत्र प्रभात
मिल्कीपुर, अयोध्या।
विकास खंड के रामपुर गौहनिया गांव के प्रधान प्रतिनिधि गुरुदीन रावत को अपने किए गए विकास कार्य पर इतना भरोसा था कि वह मतदान के दिन पोलिंग स्टेशन तक नहीं गए। पत्रकारों की एक टीम जब रामपुर गौहनिया पोलिंग स्टेशन पहुंची तो देखा कि पिछले 25 वर्षों से गांव का प्रतिनिधित्व कर रहे प्रधान प्रतिनिधि गुरुदीन रावत पोलिंग स्टेशन से नदारद है।
उनके बारे में जानकारी करते हुए पत्रकारों की टीम आगे बढ़ी तो देखा कि वह अपने घर पर खर्राटे भर रहे हैं। जबकि 2021 के पंचायत चुनाव में उनके घर के तीन सदस्य अलग-अलग ग्राम पंचायतों में चुनाव मैदान में हैं। जब उनसे इस बाबत पूछा गया तो उनका उत्तर था कि हमने 5 वर्ष काम किया है लोग हमें ही वोट कर रहे हैं हमें पोलिंग स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं है हम चुनाव जीतेंगे।
   ज्ञात हो कि गुरुदीन रावत की पत्नी सुखमता अमानीगंज विकासखंड की रामपुर गौहनिया ग्राम पंचायत से 1995 से लगातार ग्राम प्रधान है ग्रामीण बताते हैं कि गुरुदीन रावत विकास कार्यों में भेदभाव नहीं करते जिसके चलते ही उन्हें ही गांव की सत्ता हासिल होती है। गुरुदीन अनुसूचित जाति से हैं और रामपुर गौहनिया गांव में अनुसूचित जाति की आबादी भी आधे से अधिक है जिसका भी उन्हें फायदा मिलता है।
उनकी सीट सामान्य हो या आरक्षित प्रधान उनकी पत्नी ही चुनी जाती हैं। 2021 के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गुरुदीन ने पत्नी के साथ साथ बेटे व बहू को भी चुनावी समर में उतार दिया है। आरक्षण में अमानीगंज विकास खंड का ब्लाक प्रमुख पद अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षित हो गया है। ऐसे में इस बार उन्होंने अपने बेटे जीत बहादुर को रामपुर का गौहनिया से ग्राम प्रधान पद का उम्मीदवार बनाया है तथा पत्नी सुखमता को महुआ से व बहु लक्ष्मी को रामपुर गौहनिया से क्षेत्र पंचायत सदस्य के चुनाव में प्रत्याशी बनाया है। गुरुदीन रावत का क्षेत्रीय राजनीति में रसूख इतना है कि परिवार के तीन सदस्यों के चुनावी समर में होते हुए भी मतदान के दिन वे खर्राटे भरते हुए नजर आए और पूरी तरह से आश्वस्त थे की उनके परिवार के सभी प्रत्याशियों को विजय श्री भी मिलेगी।

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