द लूजो शो में अमलबागऔर बन्नो ने किया दर्शकों को मंत्रमुग्ध

द लूजो शो में अमलबागऔर बन्नो ने किया दर्शकों को मंत्रमुग्ध

सुगनामल के सुहानी बाय अलेख्या द्वारा  बन्नो को किया शोके तिलसिम सागरिका मेहरोत्रा ने लूज़ो शो में अमलबाग के जरिये पेश किया विरासत के साथ आधुनिकता का फ्यूजन -द सेंट्रम में आयोजित हुआ द लूज़ो शो


स्वतंत्र प्रभात

राजधानी लखनऊ में आयोजित द लूज़ो शो के दौरान सुगनामल के सुहानी बाय अलेख्या ने  "बन्नो" और तिलसिम (सागरिका मेहरोत्रा) ने 'अमलबाग'' कलेक्शन को शोकेस कर सभी का मन मोह लिया। शो के दौरान पारंपरिक और मॉर्डन डिजाइन के फ्यूजन पर आधारित डिज़ाइन किये गए परिधानों को प्रदर्शित किया गया द सेंट्रम होटल में आयोजित हुआ द लूज़ो शो में तिलसिम (सागरिका मेहरोत्रा)  ने अपना पहला कलेक्शन 'अमलबाग' प्रदर्शित किया, जिसकी डिजाइन कश्मीर के बागीचों से प्रेरित है। तिलसिम में को-फाउंडर एवं हेड डिजाइनर, श्रीमती सागरिका मेहरोत्रा ने कहा, "'अमल' का अर्थ 'शुद्ध दिल और इरादों के साथ' जिससे हमारा 'अमलबाग' कलेक्शन प्रेरित है। हमने इसे बेहद खास बनाने के लिए काफी सोच विचार करके पारंपरिक 'आरी' और 'जरदोजी' का उपयोग करते हुए इसे तैयार किया गया है। ये कपड़े शानदार शिफॉन, ऑर्गेना और सिल्क के हैं जो एक प्रभावशाली लुक देते हैं। 'अमलबाग' का अपना सिग्नेचर पैलेट है जिसकी रूपरेखा भारतीय हैं, लेकिन कढ़ाई का पेस्टल

रंग पैलेट पहनावे को एक यूनीक कंटेम्परी लुक देता है। तिलसिम एक ऐसा ब्रांड है जो भारतीय संस्कृति की विविधता से प्रेरणा लेता है। तिलसिम के कलेक्शन में आपको को-ऑर्ड सेट से लेकर लहंगा, अनारकली, साड़ी और शरारा तक हर तरह के परिधान मिलेंगे।”वहीं द लूज़ो शो में सुगनामल हाउस के लग्जरी चिकनकारी ब्रांड अलेख्या बाय सुहानी  ने अपने नए कलेक्शन बन्नो को लॉन्च किया है। इसमें अद्वितीय हस्तशिल्प की वह विरासत शामिल हैं जो सही मायनों में एक नई नवेली दुल्हन को "बन्नो" होने का एहसास कराती है।अलेख्या ब्रांड को स्थापित करने वाली डिजाइनर सुहानी गुरनानी ने बताया, "बन्नो एक ऐसा कलेक्शन है जो रंगों की एक

अनूठी श्रृंखला को पेश करता है, जो राजस्थान की उत्तम चिकनकारी हस्तकला और पारंपरिक बंधनी से प्रेरित हैं। यह कला सही मायनों में आधुनिक भारतीय दुल्हन के रूप को सजाने के लिए पुनर्जीवित की गई है। सभी आउटफिट ट्रेडिशनल होने के साथ-साथ मॉडर्न भी हैं।  लक्सो शो के दौरान उत्तम और प्रामाणिक लखनवी चिकनकारी का समागम प्रस्तुत किया गया, जो बंधनी के सुंदर कैनवास पर आरी, और जरदोजी का बेहतरीन फ्यूजन है। लखनऊ की चिकनकारी कलेक्शन की इस पेशकश ने अवध की इस नायाब कला को एक अलग रूप देते हुए एक पायदान ऊपर ले जाकर स्थापित किया।"

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