उन्नाव में महंगे डीजल-पेट्रोल से बढ़ी खेती की लागत

उन्नाव में महंगे डीजल-पेट्रोल से बढ़ी खेती की लागत

फसल के लिए किसान खेत तैयार कर रहे हैं जुताई अधिकांश जगहों पर ट्रैक्ट्रर से होती है।


स्वतंत्र प्रभात

 उन्नाव। डीजल पेट्रोल के दाम बढ़ने का असर खेती की पड़ रहा है। भाड़ा महंगा होने से खाद बीज के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। डीजल के दाम बढ़ने का असर ट्यूबेल की सिंचाई पर भी पड़ रहा है। इससे खेती की लागत भी बढ़ गई है। किसान को अपनी फसल तैयार करने के लिए जुताई बुवाई से लेकर सिंचाई कटाई तक डीजल से चलने वाले साधनों का प्रयोग करना पड़ता है। ऐसे में डीजल के दाम बढ़ने से खेती की लागत लगातार बढ़ रही है। 

इस समय किसान आलू सरसों की बुवाई कर रहा है। इसके लिए बीज और डीएपी खाद की जरूरत पड़ रही है। माल ढुलाई महंगा होने से खाद बीज भी ऊंचे दाम पर मिल रहे है। इसके अलावा रबी की फसल के लिए किसान खेत तैयार कर रहे हैं। जुताई अधिकांश जगहों पर ट्रैक्ट्रर से होती है।

 जिन क्षेत्रों में नहरों की पहुंच नहीं है वहां सिंचाई का मुख्य साधन ट्यूबवेल हैं। किसानों को चिंता सता रही है कि वह अपने खेत कैसे तैयार करेंगे। इसके अलावा सिंचाई उन्हें पहले की तुलना में काफी महंगी पड़ेगी। राजेश रामपाल मौर्या धौरा के महेश आदि 50 से ज्यादा किसानो ने बताया कि ट्रैक्टर से जुताई करने पर पहले की अपेक्षा अब दोगुना खर्च करना पड़ता है।

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