काशी की धार्मिक व सांस्कृतिक विरासतों के अनुसार हो स्मार्ट सिटी के होंगे कार्य समीक्षा बैठक में मंत्री रवीन्द्र जायसवाल ने दिए निर्देश

रविंद्र जायसवाल ने कहा जो चीजें पौराणिक है उनका विकास हेरिटेज योजना के अंतर्गत हो। जिन योजनाओं को वर्तमान परिवेश के हिसाब से सुव्यवस्थित सुसज्जित करना हो, उसका कार्य स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत हो।

स्वतंत्र प्रभात वाराणसी

मनीष पांडेय

वाराणसी। वाराणसी स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत वाराणसी में चल रहे कार्यों का एबीडी योजनान्तर्गत पेन योजना के कार्यों की समीक्षा बैठक शुक्रवार को कमिश्नरी सभागार में उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में बिंदुवार वाराणसी नगर निगम स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत कार्यों की प्रगति के संदर्भ में विसंगतियों के संदर्भ में मंत्री ने समीक्षा के दौरान वाराणसी की कला संस्कृति साहित्य सभ्यता का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया।        रविंद्र जायसवाल ने कहा जो चीजें पौराणिक है उनका विकास हेरिटेज योजना के अंतर्गत हो। जिन योजनाओं को वर्तमान परिवेश के हिसाब से सुव्यवस्थित सुसज्जित करना हो, उसका कार्य स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत हो। वाराणसी में स्मार्ट सिटी योजना अंतर्गत प्रमुख स्थानों को महत्व देते हुए लहरतारा को कबीरदास को केंद्र बिंदु मानकर उनके दोहे रचित का वर्णन करते हुए धार तारा के आसपास जाने वाले मार्ग का कबीर दास जी का यहां रिश्ता रहा है का भी कार्य कराये जाने पर जोर दिया। इसी प्रकार चेत सिंह जिला क्षेत्र का विकास की प्रसिद्धि को देखकर किया जाए। स्मार्ट सिटी के अंतर्गत वेंडर जोन में स्थानों का चयन करते समय ध्यान रखा जाए। बनारस की सभ्यता संस्कृति खानपान को ध्यान में रखते हुए बनारस के खानपान की चीजें वहां केवल विभिन्न रूपों में दिखाई दे।मंत्री रविंद जायसवाल ने विशेषकर कार्य की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि किसी कीमत पर कार्य की गुणवत्ता से समझौता करने वाले बक्से नहीं जाएंगे। उन्होंने कान्हा उपवन छितौनी पशुओं के गोबर से वह लकड़ी के बुरादे को मिलाकर स्टिक बनाकर जलाने के कार्यों में प्रयोग करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने व उपलब्ध कराने की बात भी कही। जिससे कि प्रदूषण और पर्यावरण की रक्षा हो सकेगी। वाराणसी नगर निगम सीमा में फ्लाई ओवरों के नीचे या दीवारों पर जो चित्र बनाए जा रहे हैं उसमें स्थानीय कला संस्कृति सभ्यता कला साहित्य दिखलाई पड़े। बनारस का प्रमुख व्यवसाय साड़ी की कलाकृतियां कुम्हारों द्वारा शादी विवाह के अवसर पर बनाई जाने वाली कलाकृतियां भी दिखाई पड़े।  कलाकारों की छाया चित्र उनके साथ सज्जा के साथ दिखाई पड़े। मां गंगा की आरती काशी विश्वनाथ दर्शन का प्रसारण भी वाराणसी की प्रमुख बड़े घाटों की दीवारों पर प्रोजेक्टर के माध्यम से दिखाया जा सके। वृद्धों व दिव्यांग जनों के आवागमन के दृष्टिकोण से घाटों पर रैम बनाया जाए। जिससे उनको सीढ़ियों से उतरने में में सुगमता हो सके। वाराणसी के विभिन्न विधाओं के लोगों को शामिल करते हुए स्मार्ट सिटी हैरिटेज योजना व अन्य योजनाओं में उनकी राय से योजनाओं को बनाने में सहयोग लिया जाए।       इस दौरान वाराणसी के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े विशेषज्ञों से संबंधित मुख्य रूप से पिपलानी कटरा कबीरचौरा क्षेत्र में वाद्य यंत्रों के थीम का प्रयोग करते हुए तथा लेखकों से संबंधित क्षेत्रों में उनके द्वारा लिखी गई कविताएं दोहे  के थीम का प्रयोग करते हुए स्थलों को दर्शाया जाना,शव जलाए जाने हेतु कान्हा पशु आश्रय स्थल में गोबर का प्रयोग कर कंडे बनाए जाने, बनारस के खानपान से जुड़े विशेष रूप से चयनित वेंडिंग जोन का विकास किया जाना, बेनिया बाग  के पार्किंग स्थल के विकास कार्य में एक राष्ट्रीय ध्वज का लगाया जाना एवं बनारस के संस्कृति व धरोहर के दृष्टिगत विकास कार्य कराए जाने हेतु सुझाव दिया गया।            बैठक में विधायक सौरभ श्रीवास्तव, नगर आयुक्त गौरांग राठी एवं अन्य अधिकारी प्रमुख रूप से उपस्थित हुए।

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