औराई के मेधीपुर में राशन कार्ड होने के बावजूद भी कुछ लोगों को नही मिल रहा राशन।

औराई के मेधीपुर में राशन कार्ड होने के बावजूद भी कुछ लोगों को नही मिल रहा राशन।

औराई के मेधीपुर में राशन कार्ड होने के बावजूद भी कुछ लोगों को नही मिल रहा राशन। उमेश दुबे (रिपोर्टर ) भदोही। सरकार जहां लाॅकडाऊन के दौरान हो रही जनमानस की समस्या को दूर करने के लिए एकदम कमर कस कर तैनात है। वही लोगों की तरह तरह की समस्याओं से दो चार होना पडता

औराई के मेधीपुर में राशन कार्ड होने के बावजूद भी कुछ लोगों को नही मिल रहा राशन।

उमेश दुबे (रिपोर्टर )

भदोही। सरकार जहां लाॅकडाऊन के दौरान हो रही जनमानस की समस्या को दूर करने के लिए एकदम कमर कस कर तैनात है। वही लोगों की तरह तरह की समस्याओं से दो चार होना पडता है। जिले में अन्त्योदय कार्ड, मनरेगा मजदूर और श्रमविभाग में पंजीकृत श्रमिको को नि:शुल्क राशन देने का निर्देश आया है। लेकिन जिले में डीएसओ कार्यालय की लापरवाही से जिले में जनता को काफी मुश्किले हो रही है। और लोग परेशान होने के बावजूद भी कुछ कर नही पा रहे है। जहां इस विभाग की लापरवाही या लीपापोती से आम जनता परेशान हो रही है वही कोटेदारों की चांदी है। क्योकि पूरा विभाग कोटेदारों को बचाने में तैयार दिखता है। ऐसी बहुत घटनाएं सुनने को मिलती है कि कोटेदार जनता को खुलेआम चुनौती देता है कि जो करना हो कर लीजिए। इससे तो यह पता चलता है कि कोटेदारों को विभाग के तरफ से कितना संरक्षण प्राप्त है। और विभाग की लापरवाही के वजह से ही एक आम आदमी सरकार के तरप से संचालित योजना का लाभ पाने से वंचित हो जाता है। एक ऐसा ही मामला औराई तहसील के मेधीपुर गांव में प्रकाश में आया है जहां पर कुछ लोगों के पास राशन कार्ड होने के बाद भी राशन नही मिल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कोटेदार अंगूठा लगवा लेने के बाद कहते है कि आपका फिंगर प्रिंट मैच नही कर रहा है। और गरीब लोग वापस चले जाते है। आरोप है कि तीन महिने के अन्तराल पर कुछ लोगों को गल्ला बांट देते है। जिससे बाकी लोग परेशान होकर लौट जाते है। बाद में कोटेदार कहते है कि आपका नाम कट गया है। केवाईसी जमा करना है। कोटदार केवाईसी के नाम पर हर दुसरे महिने कागजात मांगते है। जब लोग राशन की बात करते है तो कोटेदार के लडके लोगों को गाली गलौज देकर भगा देते है। जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। इस मामले में ग्राम प्रधान ने कहा कि ग्रामीणों के शिकायत पर जब विभाग में कर्मचारियों या अधिकारियों से कहता हूं तो वे भी कहते है कि ऑनलाइन करा दीजिए। तीन महिने बाद आ जायेगा। ग्राम प्रधान ने बताया कि सूची में नाम कट जाने के वजह से कुछ लोगों को राशन न मिलने से लोग परेशान है। विभाग से कई बार बात की गई लेकिन कोई समाधान नही निकला। हालांकि प्रधान ने कोटेदार के बारे में कुछ नही बताया। वैसे कोटेदार के खिलाफ दो दर्जन से अधिक ग्रामीण है जिनको योजनाओं का सही लाभ नही मिल पा रहा है।

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