जवानों, किसानों और गांवों के विकास से ही गांधी और शास्त्री का सपना साकार होगा : प्राचार्य डॉ मोतीलाल वर्मा

जवानों, किसानों और गांवों के विकास से ही गांधी और शास्त्री का सपना साकार होगा : प्राचार्य डॉ मोतीलाल वर्मा

गांधी और शास्त्री की संकल्पना का भारत साकार करना होगा : डॉ पवन कुमार गुप्त


स्वतंत्र प्रभात
अम्बेडकर नगर।

बाबा बरुआदास पीजी कॉलेज परुइय्या आश्रम अम्बेडकरनगर उप्र में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में आयोजित महात्मा गांधी (अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस) तथा लालबहादुर शास्त्री के जयंती समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन में प्राचार्य डॉ मोतीलाल वर्मा ने कहा कि  गांधी जी ने गांवों को भारत की आत्मा कहा था।

आज हमें अपने देश के जवानों, किसानों, महिलाओं और गांवों को विकास की मुख्य धारा में लाने की आवश्यकता है।उप प्राचार्य डॉ पवन कुमार गुप्त ने गांधी जी के अनुयायियों के नक़ली आचरण की ओर संकेत करते हुए वर्तमान दौर में मूल्यहीनता के प्रति चिंता जाहिर करते हुए कहा कि दुनियाभर में गांधी को याद किया जाता है और हम उनके आदर्शों को भूलते जा रहे हैं।कार्यक्रम का शुभारंभ ध्वाजारोहण एवं राष्ट्र गान के साथ हुआ। तत्पश्चात सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ मंचस्थ विद्वतजनों द्वारा वाग्देवी सरस्वती, बाबा बरुआदास, पं.राधेमोहन द्विवेदी तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और श्रद्धेय शास्त्री जी के चित्रों पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्ज्वलन  के साथ हुआ। तत्पश्चात शिवांगी एवं शिवांगी ने सरस्वती वंदना तथाअर्चना ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।

 संवाद-सत्र में डॉ.रमेश कुमार ने गांधी जी की प्रिय भजन का मधुर एवं भावपूर्ण गायन  किया तथा वर्तमान संदर्भ में उनकी जरूरत को रेखांकित किया।डॉ. राजित राम यादव ने गांधी के विराट जीवन-दर्शन को जीवन में उतारने की जरूरत बताया। राम अचल यादव ने गांधी जी के अफ्रीका प्रवास से लेकर भारत की आज़ादी तक उनके योगदान पर विस्तार से जानकारी दी। सुशील कुमार त्रिपाठी ने गांधी जी के महान व्यक्तित्व का उल्लेख करते हुए कहा कि विश्व- प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार देने वाली कमेटी ने गांधी जी को शांति का नोबेल पुरस्कार देने पर कई बार विचार किया किन्तु वे असफल रहे क्योंकि उनके बहुआयामी व्यक्तित्व को किसी क्षेत्र- विशेष में सीमित नहीं किया जा सकता था और उनके देहांत के वर्ष (1948) में शांति का पुरस्कार किसी को नहीं दिया गया।

अंजू तेवतिया ने कहा कि गांधी और शास्त्री प्रतिदिन याद किए जाने चाहिए। हमें अपने दैनिक जीवन में उनके आदर्शों को शामिल करना होगा। अखिलेश पांडेय ने दोनों महापुरुषों को उनके जीवन -प्रसंगों के हवाले से याद किया। सैयद बाकर मेहंदी ने कहा कि गांधी ने देश को अमन- चैन की नेमत दिया है। शास्त्री जी को याद करते हुए कहा कि आज भारत में घर-घर राशन पहुंच रहा है तो यह 'जय जवान, जय किसान' नारा का ही असर है। अंशू सिंह ने 'रघुपति राघव राजा राम' भजन की भावपूर्ण प्रस्तुति दी।आकाश गुप्ता ने गांधी एवं शास्त्री जी के जीवन-प्रसंगों एवं आदर्शों पर  चर्चा किया। छात्र-  छात्राओं में विनीता, ज्योति रानी,राज सोनी, खुशबू, राजन कुमार, सुषमा सोनी आदि ने गीत एवं वक्तव्य प्रस्तुत किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं छात्र-छात्राओं ने उपस्थित होकर कार्यक्रम में सहभागिता दिया। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन कार्यक्रमाधिकारी डॉ सत्येन्द्र कुमार यादव ने किया।

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