ग्राम सचिवालय से गांवों में विकास की उम्मीद, ग्राम पंचायतों को मिला नया सचिवालय भवन

ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और निर्बाध जनसेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए पहल

ग्राम सचिवालय से गांवों में विकास की उम्मीद,  ग्राम पंचायतों  को मिला नया  सचिवालय भवन

पंचायतीराज विभाग को मिला कई विषयों पर कार्य करने का अधिकार

अजित सिंह ( ब्यूरो रिपोर्ट) 

सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश -

 उत्तर प्रदेश में पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ करने और ग्रामीण जनता की लोकतंत्र में प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। 73वें संविधान संशोधन अधिनियम के लागू होने के बाद, प्रदेश सरकार ने पंचायत राज अधिनियमों में आवश्यक संशोधन कर संवैधानिक व्यवस्था को साकार किया। इस संशोधन के तहत पंचायती राज संस्थाओं को 29 विषयों पर कार्य करने का अधिकार मिला है और प्रदेश सरकार की अधिकांश योजनाओं का संचालन ग्राम पंचायतों के माध्यम से ही किया जा रहा है।

IMG_20250516_203822

इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए यह आवश्यक था कि ग्राम पंचायतों के पास अपना सुव्यवस्थित कार्यालय हो। वर्ष 2021 तक प्रदेश की 58,189 ग्राम पंचायतों में से केवल 33,577 में ही पंचायत भवन निर्मित थे, जिनमें से भी कई अनुपयोगी या क्षतिग्रस्त थे। इस प्रकार, लगभग 24,612 ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन उपलब्ध नहीं थे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने गांवों और ग्रामवासियों के विकास को प्राथमिकता देते हुए इस दिशा में तेजी से कार्य किया। जिन ग्राम पंचायतों में पंचायत भवन नहीं थे, वहां नए पंचायत भवन का निर्माण कराया गया और जहां पहले से भवन थे, उनका आवश्यकतानुसार मरम्मत और विस्तार कर उन्हें कार्यालय के रूप में स्थापित किया गया। इन कार्यालयों को सरकार ने ग्राम सचिवालय का नाम दिया है।

प्रदेश में लगभग 33,000 पंचायत भवनों का जीर्णोद्धार/मरम्मत कराया गया है और लगभग 23,916 ग्राम पंचायतों में नए पंचायत भवन का निर्माण कराकर ग्राम सचिवालय स्थापित किए गए हैं। ग्राम सचिवालयों के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक पंचायत सहायक/एकाउंटेंट कम डाटा एंट्री ऑपरेटर की नियुक्ति की गई है, जो कार्यालय अवधि में ग्राम सचिवालय में उपस्थित रहते हैं।

ग्राम सचिवालयों को आधुनिक कार्यालय के रूप में विकसित करने के लिए कंप्यूटर, प्रिंटर, इंटरनेट, कुर्सी, मेज आदि आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था भी कराई गई है, ताकि कार्यालय के कार्यों में कोई बाधा न आए। ग्राम सचिवालयों की स्थापना में ग्राम प्रधानों ने सराहनीय योगदान दिया है और प्रदेश में कई ग्राम सचिवालय अत्यंत सुंदर और सुसज्जित रूप में स्थापित किए गए हैं। ग्राम सचिवालय नियमित रूप से खुले रहें, यह सुनिश्चित करने के लिए पंचायत सहायक/एकाउंटेंट कम डाटा एंट्री ऑपरेटर की ऑनलाइन उपस्थिति "जियो-फेन्स्ड फेस रिकॉग्निशन बेस्ड ऑनलाइन अटेंडेंस सिस्टम" के माध्यम से दर्ज की जा रही है।

इसके अलावा, ग्राम पंचायतों से सीधा संवाद स्थापित करने और पंचायत सहायक/एकाउंटेंट कम डाटा एंट्री ऑपरेटर/सचिव/ग्राम प्रधान की समस्याओं के समाधान के लिए राज्य स्तर पर एक कॉल सेंटर भी स्थापित किया गया है।ग्राम सचिवालयों को प्रभावी ढंग से क्रियाशील बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने सभी पंचायतों में ई-ग्राम स्वराज और पीएफएमएस के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान को अनिवार्य कर दिया है।

यह भुगतान ग्राम सचिवालय में स्थापित कंप्यूटर सिस्टम और इंटरनेट के माध्यम से ही किया जा रहा है। इसकी निगरानी के लिए पंचायत गेटवे पोर्टल की व्यवस्था की गई है, जिसे ग्राम सचिवालय के कंप्यूटर में इंस्टॉल कराया गया है। इसी पोर्टल के माध्यम से ई-ग्राम स्वराज/पीएफएमएस वेबसाइट पर जाकर भुगतान करने का प्रावधान है, जिससे ग्राम पंचायतों द्वारा किए जा रहे भुगतानों में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके।

इसके अतिरिक्त, ग्राम सचिवालयों में जनसेवा केंद्र भी स्थापित किए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से ग्रामीणजनों को 243 प्रकार की जनसेवाएं, जैसे आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र आदि, उनके गांव में ही उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसका उद्देश्य यह है कि ग्रामीणों को इन सेवाओं के लिए विकास खंड या जनपद स्तर पर न जाना पड़े।ग्राम सचिवालयों में तैनात पंचायत सहायक/एकाउंटेंट कम डाटा एंट्री ऑपरेटर विभिन्न योजनाओं के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) में पंचायत सहायक व्यक्तिगत शौचालय के लाभार्थियों का ऑनलाइन फॉर्म भर रहे हैं, रेट्रोफिटिंग सर्वे, ओडीएफ प्लस के कार्यों का सत्यापन/रिपोर्टिंग, अंतरवैयक्तिक संप्रेषण, प्रचार प्रसार और कार्य योजना में सहायता जैसे कार्य कर रहे हैं। इसी प्रकार, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड बनाने में भी सहायता प्रदान की जा रही है।ग्राम सचिवालयों की स्थापना के कारण ही आज प्रदेश सरकार नवीन संचार माध्यमों से एक साथ सभी ग्राम पंचायतों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद स्थापित कर अपनी मंशा व्यक्त कर पा रही है।

वर्तमान में सभी ग्राम प्रधानों, सचिवों, ग्राम पंचायत सदस्यों, पंचायत सहायकों और ग्रामीणजनों तक प्रदेश सरकार के संदेश त्वरित गति से पहुंच रहे हैं और उनका क्रियान्वयन भी तेजी से शुरू हो रहा है।ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालयों की स्थापना करके प्रदेश सरकार ने ग्राम पंचायतों में पारदर्शिता और निर्बाध जनसेवाओं को सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया है, जिससे ग्रामीण जनता को सीधे लाभ मिल रहा है।

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

शहडोल में 'महाकाल' के नाम पर 'पाप' का साम्राज्य: पुलिस और उच्च-स्तरीय संरक्षण से चल रहा करोड़ों का अवैध सिंडिकेट - हड़कंप! शहडोल में 'महाकाल' के नाम पर 'पाप' का साम्राज्य: पुलिस और उच्च-स्तरीय संरक्षण से चल रहा करोड़ों का अवैध सिंडिकेट - हड़कंप!
शहडोल, मध्य प्रदेश : 'स्वतंत्र प्रभात' न्यूज चैनल ने शहडोल जिले के बुढ़ार थाना क्षेत्र के भठौरा में "महाकाल कांटा...

अंतर्राष्ट्रीय

किसी व्यक्ति को डराना आईपीसी की धारा 387 के तहत अपराध है- सुप्रीम कोर्ट किसी व्यक्ति को डराना आईपीसी की धारा 387 के तहत अपराध है- सुप्रीम कोर्ट
स्वतंत्र प्रभात ब्यूरो। प्रयागराज।   सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारतीय दंड संहिता की धारा 387 एक दंडात्मक प्रावधान है, इसलिए...

Online Channel