उत्तर प्रदेश सरकार की आपदा प्रबंधन में अभूतपूर्व उपलब्धियां: अपर जिलाधिकारी सोनभद्र
आपदा प्रबंधन द्वारा लोगों को किया जागरूक
दुद्धी तहसील के अन्तर्गत विभिन्न स्थानों पर वज्रपात सुरक्षा अलार्म
अजीत सिंह (ब्यूरो रिपोर्ट)
अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) एवं अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण, सहदेव कुमार मिश्र ने पिछले आठ वर्षों में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सेवा, सुरक्षा और सुशासन की दिशा में हासिल की गई महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने 11 विभिन्न आपदाओं को राज्य आपदा के रूप में अधिसूचित किया है, जिसका मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक पीड़ित व्यक्तियों को राहत सहायता प्रदान करना है।
श्री मिश्र ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में राज्य सरकार ने नाव दुर्घटना, सर्पदंश, सीवर सफाई व गैस रिसाव, बोरवेल में गिरना, मानव वन्य जीव द्वंद, डूबना, तथा सांड एवं वनरोज, नीलगाय के हमले से होने वाली मृत्यु जैसी कई दुर्घटनाओं को राज्य आपदा की श्रेणी में शामिल किया है। यह कदम आपदा पीड़ितों को त्वरित और व्यापक सहायता पहुंचाने की सरकार की मंशा को दर्शाता है।
Read More भागवत फिल्म में देवाशीष ने अभिनेता अरशदवार्सी और जीतेंद्र कुमार के साथ निभाई कांस्टेबल की भूमिका।उन्होंने जनपद स्तर पर आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में क्षमता संवर्धन और राहत बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी जानकारी दी। राहत वितरण प्रणाली को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए शुरू की गई 'एंड टू एंड कंप्यूटराइजेशन सिस्टम' का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि इससे राहत वितरण की पूरी प्रक्रिया पेपरलेस हो गई है। इस योजना के तहत, इस वर्ष भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित 22 आपदाओं, जैसे अग्निकांड, आकाशीय बिजली, डूबकर मृत्यु, सर्पदंश, सांड एवं वन रोज, बेमौसम भारी वर्षा, आंधी-तूफान आदि से जनपद सोनभद्र में हुई जनहानि, पशु हानि और मकान क्षति के मामलों में शासन से प्राप्त धनराशि का समय-समय पर भुगतान किया गया है।
अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में आकाशीय बिजली, सर्पदंश और डूबने की घटनाएं अक्सर अधिक होती हैं। इसे ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बचाव और राहत सहायता प्रदान करने तथा क्षमता संवर्धन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए जनपद में विशेष अभियान चलाकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि जनपद प्रशासन द्वारा पिछले आठ वर्षों में समय पर राहत वितरण, प्रत्येक वर्ष कंबल वितरण, अलाव और रैन बसेरों का उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया गया है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न विभागों और आपदा प्रबंधन विभाग के समन्वय से ग्राम पंचायतों में राहत चौपाल आयोजित कर विभिन्न आपदाओं के बारे में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाता है। जनपद में वर्षा और तापमान पर लगातार निगरानी रखने के लिए 26 स्थानों पर स्वचालित वर्षामापी और स्वचालित मौसम स्टेशन स्थापित किए गए हैं।
सर्पदंश की घटनाओं की अधिकता को देखते हुए, जनपद में सर्पदंश न्यूनीकरण परियोजना संचालित की जा रही है, जिसके माध्यम से संबंधित विभागों के सहयोग से आम लोगों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें झाड़-फूंक करने वालों से बचाकर अस्पताल ले जाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। जनपद के 621 ग्राम पंचायतों और विद्यालयों में प्रमुख आपदाओं से संबंधित विनाइल बोर्ड/पोस्टर लगाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। मौसम के अनुसार विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए क्या करें और क्या न करें, इस बारे में जन जागरूकता और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
तहसील दुद्धी के ब्लॉक दुद्धी में 32 स्थानों पर वज्रपात सुरक्षा अलार्म योजना का निर्माण किया गया है। औद्योगिक इकाइयों के साथ समय-समय पर अग्निकांड और विभिन्न आपदाओं पर पूर्वाभ्यास और मॉक ड्रिल कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। जनपद में संचालित आपदा मित्र परियोजना के सक्रिय स्वयंसेवकों द्वारा विद्यालयों और ग्राम पंचायत स्तर पर ग्रामीण और शिक्षकों व विद्यार्थियों के साथ जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम और खुली बैठकें आयोजित कर लोगों को जागरूक करने का कार्य आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निरंतर किया जा रहा है।
अपर जिलाधिकारी ने जोर देकर कहा कि जनपद का आपदा प्रबंधन विभाग उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरूप आपदाओं से बचाव और प्रभावितों को त्वरित राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में लगातार कार्य कर रहा है।

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