वक्फ संशोधन बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, कांग्रेस गई सुप्रीम कोर्ट।

वक्फ संशोधन बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, कांग्रेस गई सुप्रीम कोर्ट।

प्रयागराज। नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर विपक्षी दलों का विरोध जारी है. आम आदमी पार्टी के ओखला से विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करके  वक्फ संशोधन बिल की वैधानिकता को चुनौती दी है. य... अमानतुल्लाह खान का कहना है कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता को कम करता है, साथ ही यह अपने धार्मिक और धर्मार्थ संस्थानों का प्रबंधन करने के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कमजोर करता है. इससे पहले बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने वक्फ संशोधन विधेयक की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. वह इस बिल को लेकर बनी ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमिटी के सदस्य भी थे. इसके अलावे अन्य नेताओं ने भी विरोध जताते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
 
वक्फ संशोधन विधेयक के तहत नए कानून के लागू होने के बाद अगर वक्फ बोर्ड द्वारा दावा की गई संपत्ति आधिकारिक रूप से रजिस्टर नहीं है, तो वह छह महीने के बाद बोर्ड कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटा सकता. रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 500 से 600 साल पुराने कई वक्फ ऐसे हैं, जिनके पास उचित दस्तावेज नहीं हैं. इसलिए वक्फ को डर है कि उसकी अनरजिस्टर्ड मस्जिदें, स्कूल और यहां तक कि कब्रिस्तान कानूनी विवादों में फंस जाएंगे।
 
यह वक्फ संशोधन विधेयक धारा 107 को हटाने की अनुमति देता है और वक्फ बोर्ड को लिमिटेशन एक्ट 1963 के दायरे में लाता है. यह अधिनियम अब वक्फ संपत्ति के दावों पर लागू होगा और लंबी मुकदमेबाजी को कम करेगा. इसके अलावा, संशोधन के तहत वक्फ बिल की धारा 40 को हटाने के साथ, वक्फ बोर्डों को संपत्तियों को वक्फ के रूप में घोषित करने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. साथ ही समावेशिता के लिए अब दो गैर-मुस्लिमों को केंद्रीय और राज्य वक्फ बोर्डों में शामिल किया जाएगा. केवल प्रैक्टिसिंग मुस्लिम (पांच साल तक) ही अपनी संपत्ति वक्फ को समर्पित कर सकते हैं।
 
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लोकसभा और राज्यसभा की मंजूरी मिल गई है और इसे राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेज दिया गया. राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद यह विधेयक कानून बन जाएगा और केंद्र सरकार द्वारा गजट अधिसूचना जारी होने के साथ पूरे देश में लागू हो जाएगा. संसद सत्र के दौरान लोकसभा में वक्फ बिल के समर्थन में 288 वोट पड़े थे, जबकि विपक्ष में 232 वोट. वहीं, राज्यसभा में इस बिल के समर्थन में 128 वोट पड़ें, जबकि विरोध में 95 वोट।

About The Author

स्वतंत्र प्रभात मीडिया परिवार को आपके सहयोग की आवश्यकता है ।

Post Comment

Comment List

आपका शहर

अंतर्राष्ट्रीय

नेतन्याहू से मुलाकात के बाद जयशंकर का कड़ा संदेश, आतंकवाद पर भारत–इज़राइल एकजुट नेतन्याहू से मुलाकात के बाद जयशंकर का कड़ा संदेश, आतंकवाद पर भारत–इज़राइल एकजुट
International Desk  यरूशलम। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने इज़राइल की आधिकारिक यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू...

Online Channel