जन जागरण केंद्र के संस्थापक स्व. रामेश्वर सिंह की जयंती पर प्रतिमा का हुआ अनावरण
पिता के उद्देश्यों को पूरा कर संस्था को आगे बढ़ाने हेतु दृढसंकल्पित : संजय सिंह
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जाति धर्म से परे एकजुट होकर समेकित प्रयास करना स्व. रामेश्वर सिंह के जीवन का रहा उद्देश्य : उमेश प्रताप
बरही प्रख्यात समाजसेवी सह जन जागरण केंद्र के संस्थापक स्वर्गीय रामेश्वर सिंह की जयंती पर प्रतिमा स्थापना समारोह का आयोजन धोबियाडीह स्थित जन जागरण केंद्र में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूजा अर्चना कर अतिथियों के द्वारा प्रतिमा का अनावरण कर किया गया। इस दौरान सभी उपस्थित लोगों ने प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया। तत्पश्चात दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से स्व. रामेश्वर सिंह की पत्नी शारदा सिंह, प्रेस क्लब हज़ारीबाग के अध्यक्ष उमेश प्रताप, पंकज सिंह, जनजागरण केंद्र सचिव संजय सिंह, निदेशक अजय सिंह, डॉ एसपी सिंह, विधायक प्रतिनिधि छट्ठू गोप, शालिनी कुमारी, डॉ एसबी सिंह, सत्यदेव कुमार, बीएसए संरक्षक अब्दुल मनान वारसी, जयमंगल सिंह, मुखिया प्रतिनिधि हरेंद्र गोप, प्रदान संस्था से बाली देवी, डॉ मनोज, बीएस गुप्ता, चंद्रमोहन पटेल, कलाल साहा, अरविंद कुमार, कुलदीप कुमार, भिखारी मियां, गंदौरी रविदास, रघुनन्दन गोप सहित अन्य सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ता मौजूद थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के सचिव संजय सिंह व संचालन पंकज सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संस्था के निदेशक अजय कुमार ने किया। आंदोलन के साथी रहे उमेश प्रताप ने उनकी जीवन यात्रा का उल्लेख करते हुए उनके प्रेरणादाई आचरण का अनुसशरण करने का सलाह दिया। कहा कि रामेश्वर सिंह सामाजिक अव्यवस्था, गैर बराबरी, गरीबी और भ्रष्टाचार को देखकर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया था। महात्मा गांधी और लोकनायक जय प्रकाश नारायण के विचारों से प्रेरित होकर उन्होंने वर्ष 1978 में जन जागरण केंद्र (जेजेके) नामक संस्था की स्थापना की।
इस संस्था के माध्यम से अनुसूचित जाति जनजाति, पिछड़े वर्ग के गरीबों व अनाथों का उत्थान के लिये उल्लेखनीय कार्य किया। सामाजिक सदभावना, शैक्षणिक, संस्कृति और आर्थिक उन्नयन हेतु जाति धर्म से परे एकजुट होकर समेकित प्रयास करना उनके जीवन का उदेश्य रहा। इसी लक्ष्य को पाने के लिये उन्होंने अनाथालय एवं महाविद्यालय की स्थापना की। विकास की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने जल संरक्षण अभियान चलाया। जल संचय के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल करने के कारण वर्ष 2020 में राष्ट्रीय जल पुरस्कार से भारत सरकार ने उन्हें सम्मानित किया ।
वे अनुशासन, सच्चाई ईमानदारी और सादगी से जीवन यापन करते हुए कमजोर वर्गों के उत्थान के लिये संघर्ष करते रहे। उनके अथक प्रयास से असंख्य परिवारों का कल्याण हुआ। जनजागरण केंद्र के सचिव संजय सिंह ने कहा कि अपने पिता सह मार्गदर्शक स्व. रामेश्वर सिंह की प्रतिमा का अनावरण कर स्वयं को सौभाग्यशाली एवं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ, उनकी कमी हमेशा खलती है। वे असाधारण व्यक्ति एवं प्रतिभा के धनी थे जिनके बताये मार्गो पर चलकर संस्था को आगे बढ़ाकर समाज से जुड़कर कार्य करने को लेकर दृढ़संकल्पित हूं।कार्यक्रम के दौरान स्व. रामेश्वर सिंह की जीवनी पर उल्लेख करते हुए पत्नी, पुत्र व भाई भावुक हो उठे और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
बताते चलें कि समाजसेवी रामेश्वर सिंह जी का जन्म 9 जुलाई 1956 ई० को जिला सारण के मोतीराजपुर गांव मे हुआ था। रामेश्वर सिंह बचपन से ही वे प्रतिभा के धनी, जुझारू एवं कर्मठ इंसान थे। इनकी प्रारंभिक शिक्षा सारण जिले से हुई। उनकी पावन स्मृति के अवसर पर जन जागरण केंद्र आश्रम परिसर बरही में प्रतिमा स्थापना समारोह का आयोजन किया गया है।
मौके पर जनजागरण केंद्र समन्वयक चितरंजन महतो, राजेन्द्र यादव, लक्ष्मण ठाकुर, कृतिस्वर्ण कुजूर, ओमप्रकाश कुशवाहा, बीरेंद्र ठाकुर, गूंज संस्था से अजित सिंह, प्रकाश ठाकुर, बीरेंद्र सिंह, अरुणा खलखो, कैलाश महतो, प्रमोद सिंह, अमित गिरी, स्वीटी कुमारी, विकास कुमार, भिखारी मियां, नरेश कुमार, आरती कुमारी सहित सैकड़ो लोग मौजूद थे।
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